मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर थाना के खानेजादपुर गांव में सोमवार को तब सनसनी फैल गयी, जब एक शिक्षक का शव पंखे से लटका हुआ मिला। पंचो के द्वारा छात्रा से जबरन शादी कराये जाने से आहत शिक्षक सुनील राज ने रविवार की देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
फिलहाल, पुलिस ने शव के पास से ही शिक्षक का हस्तलिखित सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें पंचायत पर जबरन शादी कराने की बात लिखी गई है। सुनील का घर सिवाइपट्टी के टेंगरारी गांव में है। वह खानेजादपुर में रहकर कोचिंग चलाता था। यही पर पिछले माह जबरन उसकी शादी करायी गई थी।
प्रारंभिक छानबीन के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया। घटना से गुस्साए शिक्षक के गांव के लोगों ने सोमवार की सुबह मुजफ्फरपुर शिवहर सड़क जाम कर दिया और घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करने लगे। जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस व ग्रामीणों में झड़प हो गई। लिहाजा, पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें मृत शिक्षक की मां टेंगरारी की शकुंतला देवी जख्मी हो गई है। उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है। लाठीचार्ज में टेंगरारी गांव के कृष्णा बैठा, शंभू प्रसाद, भगीरथ प्रसाद, योगेन्द्र प्रसाद, संजय कुमार आदि जख्मी हो गये है। शकुंतला देवी का आरोप है कि पुलिस आते ही उन लोगों पर लाठीचार्ज कर दी। इधर, थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु आईएएस अशोक मिश्रा ने लाठीचार्ज से इनकार किया है। थानाध्यक्ष ने परिजन की ओर से लिखित बयान मिलने पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।
सुसाइड नोट से हुआ खुलाशा
शिक्षक ने सुसाइड नोट में मौत के लिए पंचायत के फैसले को जिम्मेदार ठहराया है। शिक्षक ने लिखा है कि चार मार्च को नेउरा के एक मंदिर में पंचों ने जबरन उसकी शादी छात्रा से करा दी थी। पंचों का कहना था कि शिक्षक उक्त युवती से प्रेम करता था और विवाह का झांसा देकर लंबे समय तक उसका यौन शोषण करता रहा। जबकि, सुसाइड नोट में शिक्षक ने इसे निराधार बताते हुए लिखा है कि इस घटना के बाद से ही वह टूट चुका था। अपने माता-पिता और समाज के सामने आने में उसको संकोच होने लगा था। शिक्षक ने लिखा है कि पंचों के निर्णय से उसका कॅरियर चौपट हो गया और जीवन निरर्थक लगने लगा था। अन्त में उसने अपने मां और पिता से माफी भी मांगी है।
ऐसे बना खुदकुशी की पृष्टभूमि
सिवाईपट्टी थाने के टेंगरारी गांव के रहने वाले सुनील कुमार पिछले दो वर्षो से खानेजादपुर के अवध प्रसाद के घर में रहकर विद्या मंदिर कोचिंग सेंटर चलाते थे। आरोप था कि पास की एक छात्रा से उसका प्रेम-प्रसंग था। इस बीच परिवार वालों ने उक्त छात्रा की दूसरे युवक से शादी तय कर दी। लेकिन छात्रा ने शादी से इनकार दिया। शादी से इनकार करने का कारण प्रेम प्रसंग सामने आया। इसके बाद छात्रा के परिवार वाले सुनील पर शादी का दबाव बनाने लगे। मामले का खुलासा होते ही ग्रामीण एकजुट हो गए और पंचायत में शादी का फरमान सुनाया गया। इसके बाद नेउरा स्थित एक मंदिर में उसकी जबरन शादी करा दी गई।