मीनापुर। भारत ऋषि मुनियों का देश है। यहां सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं जो विश्व के लिए एक मिसाल है। ये बातें मीनापुर के तुर्की मध्य विद्यालय में आयोजित युवा एकता व सद्भावना शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को अपने संबोधन में राष्ट्रीय युवा योजना के निदेशक डॉ. एसएन सुब्बाराव ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक मानव के अंदर ईश्वर का वास होता है। लिहाजा, किसी को भी किसी की हत्या या शोषण करने का कोई अधिकार नहीं है। अच्छे काम करने वाला व्यक्ति ही भगवान का रूप होता है। हम सब चाहते है कि हमारे बच्चे को सुख शांति मिले।
संस्कृत भाषा की समृद्धि पर जोर देते हुए श्री राव ने कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी व समृद्ध भाषा है। इसलिए संस्कृत भाषा को देव भाषा भी माना गया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को किसी भी तरह के नशापान से दूर रहना चाहिए। नशा मनुष्य के विवेक का अपहरण कर लेता है। कहा कि मौजूदा दौर में भ्रष्टाचार के कारण भारत की साख दुनिया में गिरी रही है। उन्होंने कहा कि मात्र 16 भाषा वाला सोवियत संघ टूट गया जबकि 1,652 भाषा होने के बावजूद भारत अखंड है। हम सभी को इस अखंडता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत रहना होगा।
इससे पहले सुब्बाराव के तुर्की पहुंचने पर शनिचरा स्थान से तुर्की बाजार तक सड़क के दोनों किनारे खड़े होकर लोगों ने श्री राव पर पुष्प की बारिश की और बुके देकर उन्हें सम्मानित किया। मंच पर भारत की संतान नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इसका निर्देशन नरेन्द्र भाई ने किया। इसमें मणिपुर, असम, गुजरात, कश्मीर, तामिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा, नेपाल, कनार्टक, पंजाब से आये कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
भाईजी ने दिखाया नया सवेरा
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व में रहे दस्यु सरगना बीर बहादुर सिंह कुश्वाहा ने सुब्बाराव उर्फ भाईजी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि भाई जी के कारण ही उन्हें और उनके 654 साथियों को मुख्यधारा में लौटने और नया सबेरा देखने का मौका मिल है। भाईजी के द्वारा पूरे भारत में सद्भावना यात्रा चलाया जा रहा है। श्री कुशवाहा ने इसकी सराहना करते हुए लोगो से इस यात्रा में शामिल होने का अपील भी किया।
सभा की अध्यक्षता पूर्व मुखिया योगेन्द्र चौधरी ने की। मौके पर मुखिया नीलम कुमारी, पूर्व मुखिया शकुन्तला गुप्ता, किशोरी साह, सीता शरण, बैधनाथ मिश्र, प्रेम कुमार चौधरी, गीता देवी, पार्वती देवी, दिलीप कुमार, सुरेश प्रसाद साह, कुमारी प्रज्ञा, लाल बाबू साह, कृष्ण कुमार शाही, हेमंत कुमार झा, अमन सेवा संस्थान के सचिव डा. रामेश्वर प्रसाद, धर्मेन्द भाई, शीतल जैन, नरेन्द्र भाई, अशोक भगत, मालती सिंह आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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