मीनापुर। नोट बन्दी के बाद मार्केट में एक बार फिर आमलोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बार नोटों के कमी के कारण नही। बल्कि, इस बार परेशानी का कारण बन गया है, बाजार में छोटे- बड़े सिक्के की अधिकता। जिसके कारण क्या किराना दुकान और क्या दवा दुकान? सभी जगह ग्राहकों से दुकानदार को उलझते देखा जा रहा है। कहीं- कहीं ग्राहक भी सिक्का लेने से इनकार कर दे रहे हैं। पेट्रोल पंप पर भी सिक्के लेने और देने में परेशानी हो रही है। खासकर एक व दो रुपये के छोटे सिक्को ने तो लोगो को नाको दम करके रख दिया है। गांव के सब्जी बाजार में इसको लेकर खासी मुश्किलों को सामना करना पड़ता है। सब्जी विक्रेता भी छोटे सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं। इसका सर्वाधिक खमियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ रहा है। बावजूद इसके प्रशासन कठोर कदम उठाने को तैयार नही है। लिहाजा लोगो में असंतोष है, जो कभी भी दवानल बन कर फूट सकता है।
This post was published on %s = human-readable time difference 12:30
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More
सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More
KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More