नवादा। नवादा के गाजीपुर गांव की आबादी करीब दो हजार है। जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर गांव का इतिहास करीब 300 साल पुराना है। लेकिन महज 25 साल पुरानी एक घटना ने यहां ऐसे अंधविश्वास को जन्म दिया कि लोग शौचालय बनवाने के लिए सोचते भी नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि 25 साल पहले गांव के श्रीधेश्वर और एक अन्य परिवार के लोग अपने घर में शौचालय बनवा रहे थे। लेकिन इस बीच उन दोनों ही परिवार के एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। तभी से यह अंधविश्वास घर कर गया कि शौचालय बनवाने का मतलब किसी परिजन को खोना है। कहतें हैं कि सरकार जहां खुले में शौच मुक्त समाज के लिए जीजान से लगी है वहीं बिहार में ऐसा भी गांव है जहां एक भी शौचालय नहीं है और गांव के विद्यालय में बनी सरकारी शौचालय में जाना तो दूर, कोई उस ओर झांकता भी नही है।
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