Society

बिहार के शहर से गांव तक कोरोना से लड़ने की तैयारी शुरू

संक्रमण फैला तो काबू करना मुश्किल

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार सरकार से निर्देश मिलते ही शहर के बंद पड़े अस्पताल और होटल की पहचान करके आइसोलेशन सेंटर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका था। अब बिहार के गांवों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। सभी प्रखंड मुख्यालय में कम से कम 500 बेर्ड के आइसोलेशन सेंटर बनाने का आदेश दे दिया गया है। यानी सरकार को लगने लगा है कि आने वाले दिनो में कोरोना वायरस का संक्रमण बिहार के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र और एमपी के बाद बिहार बड़ा हॉटस्पॉट बन जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। यानी संक्रमण फैला तो इसको काबू कर पाना मुश्किल हो जायेगा।

दो बड़े कारण

बिहार में संक्रमण फैलने का दो प्रमुख कारण बताया जा रहा है। पहला तो ये कि शहर हो या गांव, लोग स्वभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंस के महत्व को नहीं समझ रहें है और प्रत्येक गांव या हाट-बाजारो में पुलिस को तैनात करना व्यवहारिक नहीं है । ऐसे में कोरंटाइन का समाजिक तौर पर पालन करना होगा, जो नहीं हो रहा है। इस बीच प्रवासी मजदूरो के चोरी-छुपे बिहार पहुंचने का सिलसिला आज भी जारी है। यह बिहार के गांवों में संक्रमण फैलने की बड़ी वजह बन सकता है। क्योंकि, कतिपय कारणो से समाज ने यहां चुप्पी साध ली है। दूसरा बड़ा कारण ये है कि कोरोना काल के इस समाजिक समस्या को राजनीति की चासनी में डाल कर हमने खुद हालात को पेंचिदा बना दिया है। परवाह जीवन की नहीं है। परवाह, राजनीति के नफा नुकसान की है। जाहिर है ऐसे में जीवन पर मंडरा रही मौत का संकट और बढ़ेगा और हालात बेकाबू हुआ तो खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ेगा।

कौन भुगतेगा खामियाजा

अप्रैल के दूसरे सप्ताह में बिहार के सभी पंचायतो में कोरंटीन सेंटर बनाया गया था। कॉन्सेप्ट था कि बाहर से लौटे लोग पहले यहां 14 रोज तक रहेंगे, फिर घर जायेंगे। चूंकी यह सेंटर उनके घर के समीप ही था। लिहाजा, खाना घर से आना था और रहने व साफ-सफाई की व्यवस्था का जिम्मा पंचायत को करना था। पर, हुआं क्या? सभी प्रवासी कामगार सीधे घर चले गये। उस वक्त सभी बुद्धिजीवी चुप थे। कारण ये कि इस वर्ष के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है। वोट खिसकने का डर है। इसके बाद अगले वर्ष के अप्रैल में स्थानीय निकाय का चुनाव होना है। लिहाजा, चुप रहना मुनासिब समझा गया। अब वहीं तथाकथित बुद्धिजीवी इसके लिए पुलिस, प्रशासन और सरकार को दोषी बता रहें है। कोई समझने को तैयार नहीं है कि यदि हालात बेकाबू हो गया तो खामियाजा किसको भुगतना पड़ेगा? दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा एक समाजिक समस्या है। इस चुनौती से निपटने के लिए मिल कर प्रयास करने की जरुरत है। महामारी के इस महाकाल मे राजनीति से इतर हट कर काम करने की जरुरत आन पड़ी है।

राजनीति की विवशता

प्रजातंत्र में राजनीति की विवशता देखिए। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पहले कहा गया कि जो जहां है, वहीं रहेगा। बाद में पता चला कि प्रवासियों की संख्या लाखो में है। यानी ये वो लोग है, जो राजनीति की धारा मोड़ देने की माद्दा रखते है। नतीजा, विपक्ष टूट पड़ा और सरकार पलटी मार गई। अब प्रवासियों को लाने की तैयारी हो रही है। राजनीतिक नफा नुकसान के बीच जीवन के मायने बदल गये। बुद्धिजीवियों के सवालो का अंदाज बदल गया। पर, जीवन पर मंडरा रही कोरोना वायरस का खतरा आज भी बरकरार है। बल्कि, संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा पहले से अधिक बढ़ गया है। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि क्षणिक राजनीतिक लाभ हेतु, पूरे बिहार को संकट में डालना कितना उचित होगा?

This post was published on %s = human-readable time difference 14:12

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Videos

भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More

नवम्बर 6, 2024
  • Videos

मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More

अक्टूबर 23, 2024
  • Videos

सम्राट अशोक के जीवन का टर्निंग पॉइंट: जीत से बदलाव तक की पूरी कहानी

सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More

अक्टूबर 16, 2024
  • Videos

बिन्दुसार ने चाणक्य को क्यों निकाला : मौर्यवंश का दूसरा एपीसोड

KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More

अक्टूबर 9, 2024
  • Videos

कैसे शुरू हुआ मौर्यवंश का इतिहास? चाणक्य ने क्यों बदल दी भारत की राजनीति?

322 ईसा पूर्व का काल जब मगध का राजा धनानंद भोग-विलास में लिप्त था और… Read More

अक्टूबर 2, 2024
  • Videos

क्या सांप और नाग एक ही हैं? जानिए नागवंश का असली इतिहास

नाग और सांप में फर्क जानने का समय आ गया है! हममें से अधिकांश लोग… Read More

सितम्बर 25, 2024