प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को वर्चुअल माध्यम से बिहार की जीविका दीदियों को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। इस दिन पीएम मोदी बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड का उद्घाटन करेंगे और इस संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित करेंगे। यह आयोजन पीएम मोदी के 13 सितंबर को होने वाले पूर्णिया दौरे से पहले हो रहा है।
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वर्चुअल उद्घाटन और फंड ट्रांसफर
मंगलवार को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस सहकारी संस्था का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर वे खाते में राशि ट्रांसफर करेंगे और जीविका दीदियों से जुड़ी योजनाओं पर अपना संबोधन भी देंगे। इस सहकारी संस्था का उद्देश्य जीविका से जुड़ी महिलाओं को सस्ती दरों पर financial सुविधा उपलब्ध कराना है।
जीविका के सभी पंजीकृत क्लस्टर स्तर के फेडरेशन इसके सदस्य होंगे। इस योजना को बिहार सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त फंडिंग से लागू किया जा रहा है।
महिलाओं के लिए आसान वित्तीय सुविधा
पिछले कुछ वर्षों में जीविका से जुड़ी महिलाओं ने self-help groups के माध्यम से उद्यमिता की राह पकड़ी है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में छोटे कारोबार और प्रोडक्शन यूनिट स्थापित किए हैं। लेकिन अब तक कई महिलाएं microfinance institutions पर निर्भर थीं, जहां से उन्हें 18 से 24 प्रतिशत तक ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता था।
नई जीविका निधि से महिलाएं कम ब्याज दर पर बड़ी राशि का कर्ज प्राप्त कर सकेंगी। इससे उनकी MFIs पर निर्भरता घटेगी और आर्थिक बोझ भी कम होगा। अब महिलाएं अपने व्यवसाय को बढ़ाने और परिवार के विकास में ज्यादा निवेश कर पाएंगी।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी पूरी व्यवस्था
जीविका बैंक पूरी तरह से digital platform पर आधारित होगा। इससे लेन-देन पारदर्शी और तेज होंगे। इस पहल को सफल बनाने के लिए 12,000 सामुदायिक कैडर को टैबलेट्स दिए जा रहे हैं। ये कैडर जीविका दीदियों को financial services तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
डिजिटल व्यवस्था से न केवल समय बचेगा बल्कि भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी खत्म होगी। ग्रामीण महिलाएं सीधे और आसानी से banking सेवाओं से जुड़ सकेंगी।
ग्रामीण उद्यमियों के लिए बड़ा कदम
यह सहकारी संस्था सीधे-सीधे हजारों self-help groups को फायदा पहुंचाएगी। महिलाएं अब सस्ती दर पर loan लेकर अपने व्यवसाय का विस्तार कर पाएंगी। चाहे वह डेयरी हो, कृषि आधारित उद्योग हो, हस्तशिल्प हो या छोटे स्तर का उत्पादन—हर क्षेत्र में इस योजना का असर देखने को मिलेगा।
जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो उसका फायदा पूरे परिवार और समाज को मिलेगा। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और घर की जरूरतों पर अधिक खर्च किया जा सकेगा।
माइक्रोफाइनेंस पर निर्भरता कम होगी
जीविका निधि का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि महिलाएं microfinance institutions से महंगे कर्ज लेने से बचेंगी। अब उन्हें प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर loan मिलेगा। इससे repayment आसान होगा और महिलाएं debt trap से बाहर निकल पाएंगी।
यह पहल बिहार में microfinance के ढांचे को बदलने वाली साबित हो सकती है। ग्रामीण महिलाएं अब अपने पैसे का उपयोग उत्पादक गतिविधियों में कर सकेंगी।
सरकार का सहयोग और नीति समर्थन
इस सहकारी संस्था को बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों का सहयोग प्राप्त है। यह महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना Digital India और आत्मनिर्भर भारत जैसी नीतियों से भी जुड़ी हुई है।
महिलाएं केवल लाभार्थी नहीं बल्कि ग्रामीण विकास की सक्रिय भागीदार बनेंगी। यह मॉडल women-led development की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
लाखों महिलाएं होंगी शामिल
अनुमान है कि लगभग 20 लाख महिलाएं इस उद्घाटन कार्यक्रम को लाइव देखेंगी। यह दिखाता है कि जीविका ने बिहार के ग्रामीण समाज में एक आंदोलन का रूप ले लिया है।
यह पहल महिलाओं को एकजुट करने और उन्हें बड़े मंच पर लाने का प्रतीक है।
समुदाय आधारित उद्यमों को बढ़ावा
व्यक्तिगत उद्यमिता के साथ-साथ यह योजना community-based enterprises को भी मजबूती देगी। कई महिलाएं पहले से ही किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी व्यवसायों से जुड़ी हुई हैं। अब उन्हें विस्तार करने का मौका मिलेगा।
इससे न केवल आय में वृद्धि होगी बल्कि सामाजिक एकजुटता भी बढ़ेगी। ग्रामीण इलाकों में women entrepreneurship की यह लहर स्थायी परिवर्तन का आधार बनेगी।
लंबी अवधि में परिवर्तन
जीविका निधि का उद्घाटन केवल आर्थिक सहायता का कदम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण बिहार में women empowerment की लंबी यात्रा की शुरुआत है। जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होंगी तो उनकी household और समाज में भागीदारी भी मजबूत होगी।
यह पहल न केवल वित्तीय समावेशन बढ़ाएगी बल्कि समाज में gender equality को भी बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड का उद्घाटन और 105 करोड़ रुपये का हस्तांतरण एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल महिलाओं को सस्ती दर पर loan उपलब्ध कराएगी, माइक्रोफाइनेंस पर निर्भरता घटाएगी और ग्रामीण उद्यमों को नई दिशा देगी।
डिजिटल प्लेटफॉर्म, सामुदायिक कैडर और सरकारी सहयोग के साथ यह संस्था बिहार की लाखों महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। यह केवल बैंक नहीं बल्कि ग्रामीण transformation का एक मजबूत आधार बनने जा रही है।
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