दिल्ली में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप पेश किया। यह ऐतिहासिक कदम भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और डिजिटल शक्ति को मजबूत बनाने की दिशा में एक नया अध्याय है।
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मोदी का हल्का-फुल्का अंदाज
अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने हाल ही में संपन्न हुई जापान और चीन यात्रा का जिक्र करते हुए की। उन्होंने कहा कि वे सोमवार रात ही भारत लौटे हैं। जैसे ही दर्शकों ने तालियां बजाईं, मोदी मुस्कराए और बोले – “गया था इसकी ताली बजा रहे हो या आया हूं इसलिए ताली बजा रहे हो?” उनकी यह बात सुनकर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा।
भारत के लिए सेमीकॉन इंडिया का महत्व
तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन का उद्देश्य भारत में एक मजबूत, लचीला और टिकाऊ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण करना है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि यह आयोजन भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में अग्रणी बनाने का बड़ा प्रयास है।
मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत पर भरोसा करती है और सेमीकंडक्टर के भविष्य को आकार देने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप को देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
महत्वपूर्ण खनिज और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का आधार महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) हैं। भारत ने क्रिटिकल मिनरल्स मिशन पर काम शुरू कर दिया है, ताकि दुर्लभ खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सेमीकंडक्टर मिशन का अगला चरण
मोदी ने कहा कि सरकार अब India Semiconductor Mission के अगले चरण पर काम कर रही है। इसके तहत न केवल उत्पादन बल्कि डिजाइन और नवाचार को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने घोषणा की कि सरकार जल्द ही नई DLI (Design-Linked Incentive) योजना को आकार देगी, जो भारतीय कंपनियों और स्टार्टअप्स को वर्ल्ड-क्लास सेमीकंडक्टर डिजाइन तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि वह दिन दूर नहीं जब भारत में बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी।
भारत की बढ़ती संभावनाएं
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का भी लक्ष्य रखता है। स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, डिफेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में बढ़ती मांग को देखते हुए, भारत का यह कदम समय की बड़ी जरूरत है।
मोदी ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया सिर्फ एक कॉन्फ्रेंस नहीं बल्कि एक रोडमैप है, जो भारत की तकनीकी महत्वाकांक्षाओं को साकार करेगा।
ग्लोबल साझेदारी का आह्वान
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद दुनिया को भरोसेमंद सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन की अहमियत समझ आई है और आज भारत एक भरोसेमंद पार्टनर के रूप में उभर रहा है। उन्होंने ग्लोबल कंपनियों से भारत में निवेश करने और भारत के युवा टैलेंट के साथ मिलकर नई ऊंचाइयों को छूने का आह्वान किया।
सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन और पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च भारत के तकनीकी इतिहास में मील का पत्थर है। पीएम मोदी का संबोधन हल्के-फुल्के अंदाज और गंभीर संदेशों का मिश्रण था, जिसमें उन्होंने साफ किया कि भारत अब केवल तकनीकी उपभोक्ता नहीं, बल्कि इनोवेटर और प्रोड्यूसर बनने की ओर अग्रसर है।
क्रिटिकल मिनरल्स मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन का अगला चरण, और नई DLI योजना भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाएंगे।
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