गुरूवार, जुलाई 17, 2025
होमSocial Buzzपद्मश्री पुरस्कार: इंजीनियरिंग से वेदांत तक, एक ने पाया सम्मान, दूसरा बना...

पद्मश्री पुरस्कार: इंजीनियरिंग से वेदांत तक, एक ने पाया सम्मान, दूसरा बना ‘IIT बाबा’

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

KKN गुरुग्राम डेस्क | इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले दो व्यक्तियों की यात्राएं बिल्कुल अलग दिशा में मोड़ी गईं। एक व्यक्ति ने भारतीय संस्कृति को अपनाकर वैश्विक पहचान बनाई और भारत सरकार से पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया, जबकि दूसरा व्यक्ति अपने ‘IIT बाबा’ के नाम से सोशल मीडिया पर हंसी और मजाक का कारण बन गया। यह कहानी है जोनास मासेटी और अभय सिंह की, जिनकी यात्रा एक जैसी शुरुआत से शुरू हुई थी, लेकिन उनकी पहचान और सम्मान के रास्ते पूरी तरह से अलग हो गए।

जोनास मासेटी: भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण और पद्मश्री सम्मान

जोनास मासेटी, ब्राजील के रियो डी जनेरियो के निवासी, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में शिक्षा ली, ने एक साधारण इंजीनियरिंग करियर को छोड़कर भारतीय वेदांत और योग की ओर रुख किया। वह ब्राजील की मिलिट्री इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक थे और बाद में उन्होंने ब्राजील की सेना में सेवा दी। सेना में सेवा के दौरान उन्होंने सफलता हासिल की, लेकिन इसके बाद उन्हें आत्मिक शांति और जीवन के उद्देश्य के प्रति एक गहरी खोज का अहसास हुआ।

यह खोज उन्हें योग और वेदांत की ओर ले गई। 2003 में उन्होंने भारत का रुख किया, जहां उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य के रूप में वेदांत की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने 2014 में पेट्रोपोलिस में विश्व विद्या गुरुकुलम की स्थापना की, जहां वेदांत, भगवद गीता और संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। आज, उनकी शिक्षाओं से 150,000 से अधिक छात्र जुड़ चुके हैं। उनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में फैलाना था, और उन्होंने इसे अपने जीवन का मिशन बना लिया।

उनकी मेहनत और समर्पण के कारण भारत सरकार ने 2025 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात में उनकी सराहना की और उन्हें भारतीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण बताया। जोनास ने न केवल भारतीय ज्ञान को आत्मसात किया, बल्कि इसे आधुनिक तकनीक के माध्यम से दुनिया तक पहुंचाया। उनका जीवन भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता की शक्ति का प्रतीक बन गया है।

अभय सिंह: ‘IIT बाबा’ के रूप में सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि

वहीं दूसरी ओर अभय सिंह नामक व्यक्ति, जो IIT खड़गपुर से स्नातक हैं, ने आध्यात्मिकता की ओर रुख किया लेकिन उनका मार्ग थोड़ा अलग था। अभय सिंह ने अपने जीवन में एक ‘IIT बाबा’ की पहचान बनाई, जहां वह सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए धार्मिक गुरू की भूमिका में दिखते हैं। वह साधु के वेश में अपने वीडियो बनवाते और उन्हें इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर अपलोड करते थे।

अभय सिंह की आध्यात्मिकता और उनके विचारों को युवा पीढ़ी ने एक तरह से फनी और पॉप कल्चर का हिस्सा बना लिया। उनका ‘IIT बाबा’ का नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा था, लेकिन उनके आध्यात्मिक विचारों के बजाय, वह एक मीम की तरह वायरल हो गए। उनके पहनावे और जीवन शैली ने उन्हें एक मजाकिया तत्व बना दिया, जिसके कारण लोग उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते थे। उनका आध्यात्मिक ज्ञान कई बार सोशल मीडिया पर मस्ती का हिस्सा बन गया, और उनकी गंभीरता को तवज्जो नहीं मिली।

पॉप कल्चर से प्रेरित आध्यात्मिकता बनाम पारंपरिक गुरू-शिष्य परंपरा

जोनास और अभय के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जोनास का आध्यात्मिक मार्ग पारंपरिक गुरू-शिष्य परंपरा से जुड़ा था, जबकि अभय सिंह की आध्यात्मिकता पॉप कल्चर और सोशल मीडिया के प्रभाव से प्रेरित थी। जोनास ने वेदांत के सच्चे अर्थ को समझा और इसे सादगी से प्रस्तुत किया, वहीं अभय सिंह का तरीका हल्का-फुल्का और आकर्षक था, जो युवाओं के बीच हंसी मजाक का कारण बन गया।

जोनास का जीवन सादगी, विनम्रता और आध्यात्मिक गहराई का प्रतीक है, जबकि अभय सिंह ने आध्यात्मिकता को एक मनोरंजन का रूप बना दिया। जोनास वेदांत और योग के माध्यम से आत्मिक शांति और संतुलन की बात करते हैं, जबकि अभय सिंह का ध्यान युवा दर्शकों को आकर्षित करने और ट्रेंड करने पर है। इस अंतर के कारण, जहां जोनास की पूजा की जाती है, वहीं अभय सिंह की छवि एक मजाक के रूप में बन गई है।

कैसे समाज और मीडिया आध्यात्मिकता को परिभाषित करते हैं

यह तुलना यह सवाल उठाती है कि समाज और मीडिया आध्यात्मिकता को किस दृष्टिकोण से देखते हैं। क्या एक सच्चे आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने का मतलब सादगी और गंभीरता से जीना है, या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को आकर्षित करने के लिए एक हल्का-फुल्का तरीका अपनाना है? जोनास ने भारतीय संस्कृति को अपनाकर एक गंभीर और गहरे ज्ञान को फैलाने का प्रयास किया, जबकि अभय सिंह ने आध्यात्मिकता के नाम पर पॉप कल्चर को बढ़ावा दिया।

जोनास मासेटी और अभय सिंह का प्रभाव

जोनास मासेटी ने अपनी वैदिक शिक्षा के माध्यम से एक गहरी सांस्कृतिक लहर पैदा की, जो आज भी 150,000 से अधिक छात्रों तक पहुंच चुकी है। वहीं, अभय सिंह की सोशल मीडिया पर बढ़ती प्रसिद्धि ने उसे एक प्रतीक बना दिया है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाता है कि समाज आध्यात्मिकता और धार्मिकता को किस तरह से देखता है। जब एक व्यक्ति सच्चाई और मेहनत से कुछ हासिल करता है, तो उसे समाज और सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है, जैसा कि जोनास के साथ हुआ, लेकिन जब वही कार्य केवल प्रदर्शन और शो ऑफ का हिस्सा बन जाता है, तो उसे मजाक में बदल दिया जाता है।

दोनों के उदाहरण यह साबित करते हैं कि आध्यात्मिकता का असली रूप शांति, साधना, और गहरी समझ में है, न कि सिर्फ बाहरी प्रदर्शन में। जोनास मासेटी का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर हम अपनी संस्कृति, विचार और आत्मा से जुड़ें तो समाज में सम्मान मिल सकता है। वहीं अभय सिंह की कहानी हमें यह दिखाती है कि आध्यात्मिकता और जीवन के मूल्यों को समझने से पहले हमें सही रास्ते का चयन करना चाहिए और इसे दिखावे के रूप में न अपनाएं।

इन दोनों की यात्रा समाज को यह सिखाती है कि यदि हम सच्चे मार्ग पर चलें, तो सम्मान और प्रतिष्ठा हमें खुद-ब-खुद मिलती है।

Read this article in

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

KKN Public Correspondent Initiative


Discover more from KKN Live

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

बिहार स्टाफ नर्स भर्ती 2025: परीक्षा तिथियां, पद विवरण और चयन प्रक्रिया

बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) ने स्टाफ नर्स पदों की भर्ती परीक्षा तिथियां घोषित...

Realme 15 Pro 5G: स्मार्टफोन में एआई फीचर्स और बेहतरीन स्पेसिफिकेशंस के साथ दस्तक

रियलमी एक बार फिर स्मार्टफोन बाजार में धमाल मचाने के लिए तैयार है। कंपनी...

बिहार शिक्षा भर्ती 2025: बीपीएससी टीआरई 4.0 के लिए 1.2 लाख पदों पर भर्ती, आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती (BPSC...

ये रिश्ता क्या कहलाता है: अरमान के सिर पर गंभीर चोट, अस्पताल में भर्ती

स्टार प्लस का मशहूर शो ये रिश्ता क्या कहलाता है अपनी दिलचस्प कहानी से...

More like this

बिहार स्टाफ नर्स भर्ती 2025: परीक्षा तिथियां, पद विवरण और चयन प्रक्रिया

बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) ने स्टाफ नर्स पदों की भर्ती परीक्षा तिथियां घोषित...

बिहार शिक्षा भर्ती 2025: बीपीएससी टीआरई 4.0 के लिए 1.2 लाख पदों पर भर्ती, आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती (BPSC...

प्रधानमंत्री मोदी का मोतिहारी दौरा: 7217 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई 2025 को बिहार के मोतिहारी में अपने 53वें दौरे...

उत्तर प्रदेश सरकार ने होम्योपैथी निदेशक अरविंद कुमार वर्मा को गंभीर आरोपों में निलंबित किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रोफेसर अरविंद कुमार वर्मा को गंभीर...

अमरनाथ यात्रा स्थगित: भारी बारिश के कारण यात्रा रोक दी गई

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पिछले 36 घंटों से जारी भारी बारिश के...

इंदौर को आठवीं बार ‘भारत का सबसे स्वच्छ शहर’ घोषित किया गया

स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड्स 2024-25 के अनुसार, इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत का सबसे...

UGC NET जून 2025 रिजल्ट की तारीख घोषित, NTA ने जारी किया नोटिफिकेशन

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC NET जून 2025 के रिजल्ट की तारीख घोषित...

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का 18 दिन के आईएसएस मिशन के बाद परिवार से मिलन, भावुक पल साझा किए

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने...

भारत में सोने की कीमत: वैश्विक व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच सोने की कीमतें फिर से बढ़ीं

भारत में सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और ये कीमतें अब 1...

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान: घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली, चुनाव से पहले बड़ी राहत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की 14 करोड़ जनता को बड़ी राहत...

दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2025 के लिए बीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी की पहली कट-ऑफ सूची जारी की

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने 2025 सत्र के लिए बीए एलएलबी (ऑनर्स) और बीबीए एलएलबी...

बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थकों ने मोहम्मद यूनुस की सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया, हिंसा में 4 की मौत

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग के समर्थकों ने मोहम्मद यूनुस की...

पटना के पारस अस्पताल में अपराधियों द्वारा पैरोल पर आए कैदी पर गोलीबारी

गुरुवार की सुबह पटना के एक प्रमुख प्राइवेट अस्पताल, पारस अस्पताल में एक हैरान...

राशिफल 17 जुलाई 2025: सभी राशियों के लिए आज का भविष्यफल

आज 17 जुलाई 2025 को चंद्रमा का गोचर मीन राशि से मेष राशि में...

बिहार में मानसून की सक्रियता, भारी वर्षा की चेतावनी

बिहार के कई जिलों में मानसून के सक्रिय होने से लोगों को भीषण गर्मी...