संतोष कुमार गुप्ता
नागपुर। रायपुर से आ रही प्रसव पीड़िता महिला को एक एमबीबीएस स्टूडेंट ने मदद कर मानवता की मिसाल पेश की है। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को नये अंदाज मे मदद कर उसने मिसाल पेश की है। नागपुर मे एक एमबीबीएस स्टूडेंट ने चलती ट्रेन में महिला की थ्री इडियट्स फिल्म की तरह ऑनलाइन इंस्ट्रक्शन लेकर प्रसव करवाई। दरअसल, महिला को चलती ट्रेन में प्रसव पीड़ा हुआ। वह दर्द से छटपटाने लगी। तब उसी ट्रेन से सफर कर रहे इस स्टूडेंट ने वॉट्सऐप पर अपने सीनियर डॉक्टर्स से इंस्ट्रक्शन लेकर डिलिवरी करवाने में मदद की।
– रेलवे के चीफ पीआरओ पीडी पाटिल ने बताया कि शुक्रवार को अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस के जनरल कोच में रायपुर की चित्रलेखा सफर कर रही थी।
– वर्धा से नागपुर के बीच उसे लेबर पेन शुरू हो गया। उसके परिवार वालों ने चेन खींचकर ट्रेन रोकी और उसे हॉस्पिटल ले जाने के बारे में सोचने लगे।
– ट्रेन में नागपुर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट विपिन खडसे भी थे। उन्होंने महिला के परिवार वालों से मदद की पेशकश की।
कोच में साड़ियों से घेरकर बना लेबर रूम
– विपिन के कहने पर बोगी में मौजूद दूसरी महिलाओं ने चलती ट्रेन में साड़ियों और चादरों से घेरकर लेबर रूम तैयार किया।
– विपिन ने फिर हॉस्पिटल की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर शिखा मलिक से मदद मांगी।
– इसके बाद शिखा ने वॉट्सऐप पर कई इंस्ट्रक्शन दिए, जिन्हें फॉलो करते हुए विपिन ने यह डिलिवरी करवाई।
– नागपुर के रेलवे ऑफिसर्स को इस बारे में पहले ही इन्फॉर्म कर दिया गया था, इसलिए मेडिकल टीम स्टेशन पर ही मौजूद थी। ट्रेन पहुंचते ही बच्चे की जांच की गई।
– महिला ने रायपुर लौटने की मंशा जाहिर की। इस पर डॉक्टर ने जांच के बाद उसे जाने की इजाजत दे दी। महिला और उसका बच्चा, दोनों बिल्कुल ठीक हैं।
सोशल मीडिया में वायरल हुई विपिन की स्टोरी
– विपिन ने यह वाकया कुछ फोटोज के साथ फेसबुक पेज पर शेयर किया।
– विपिन ने लिखा, “डिलिवरी कराने जब मैं पहुंचा तो मैंने देखा कि चित्रलेखा को काफी ब्लीडिंग हो रही थी और वह बहुत तकलीफ में थी।”
– महिला की मदद के लिए लोगों ने कंपार्टमेंट खाली कर दिया था और दूसरी महिलाओं ने इसे डिलिवरी रूम बना दिया। मेरे लिए डिलिवरी मुश्किल थी, क्योंकि सिर की जगह बच्चे के कंधे बाहर निकल रहे थे।
– मैंने डॉक्टर्स के ग्रुप वॉट्सऐप पर यह फोटो डाली, ताकि सीनियर डॉक्टर्स से मदद ले सकूं। इसके बाद सीनियर रेजिडेंट डॉ. शिखा मलिक ने मेरी मदद की। उन्होंने फोन पर मुझे इंस्ट्रक्शन दिए, जिसे मैं फॉलो करता रहा।
– डिलिवरी की मुश्किलों के बारे में विपिन ने लिखा, महिला के शरीर से बह रहे खून को रोकने के लिए मुझे ठंडे पानी की बॉटल्स का इस्तेमाल करना पड़ा। मैंने ट्रेन में मौजूद एक उम्रदराज मां से भी कुछ मदद ली।
– विपिन की यह स्टोरी फेसबुक पर वायरल हो गई है। अब तक इसे 6 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।
This post was published on अप्रैल 11, 2017 18:57
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