कानूनी पेंच मे फंसा ग्रामीणो की दरियादिली/ पुल के नीचे छटपटा रही लावारिश कन्या को मिला ममता का छांव ज्यादा देर तक टीक नही सका/ मीनापुर पुलिस ने किया चाइल्ड लाइन के हवाले/ 21 वर्षो से औलाद के लिए तरस रही सुनिता का पुरा नही हुआ अरमान
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। मां की ममता कितनी बेमिशाल होती है यह तुरकी गांव मे देखने को मिला। तुरकी पठान टोली पुल के नीचे झाड़ी मे शनिवार की शाम लावारिश हालत मे नवजात कन्या को फेंक दिया। समझा जाता है कि लड़की जनने के बाद किसी निष्ठुर मां ने मानवता को शर्मसार कर देने वाला यह कदम उठाया है।
समीप मे बकरी चरा रही नन्ही खातून की पुत्री सोनी कुमारी को बच्चे की रोने की आवाज सुनायी दी। वह वहां जाकर देखा तो कन्या लावारिश अवस्था मे चिल्ला रही थी.उसके शोर मचाने पर लोगो की भीड़ जुट गयी। वह उस बच्ची को सुरक्षित घर पर ले आयी। इसके बाद गांव के ही पूनम भगत की पत्नी सुनिता देवी को खुशी के ठीकाने ना रहा। वह दौड़ी दौड़ी वहां पहुंची और उस बच्चे को अपने गोद मे ले लिया। सुनिता देवी की शादी 1997 मे हुई.शादी के 21 साल बाद भी वह बेऔलाद है। वह डॉक्टर से लेकर ओझागुणी तक चक्कर लगाकर थक चुकी है। किंतु अब तक उसका गोद सुना है। पूर्व सरपंच नंदकिशोर चौधरी,मुखिया पति लालबाबू प्रसाद व नसीर खां की मौजूदगी मे उक्त बच्चे को सुनिता के हवाले कर उसकी सुनी गोद को आबाद कर दिया। उसने 21 सौ रूपया इनाम देकर बच्चे को अपने गोद मे ले लिया। उसके बाद से तो सुनैना का पौ बारह हो गया.उस बच्चे के लिए उसने दुधपिलाई से लेकर लालन पालन का सारा समान इकट्ठा कर लिया। नवजात बच्चे की लावारिश हालत मे मिलने की सुचना प्राप्त होते ही मीनापुर पुलिस शनिवार की रात तुरकी गांव पहुंची। वहां से बच्चे को लाकर मीनापुर पीएचसी मे स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसकी सुचना चाइल्ड लाइन को दी गयी। सुबह मे बच्चे को लेकर सुनिता को थाने पर बुलाया गया.चाइल्ड लाइन से दीपन कुमार पहुंच गये। पूर्व सरपंच नंदकिशोर चौधरी के साथ पहुंची सुनिता ने कहा कि वह औलाद के लिए तरस रही है। वह इस बच्चे का भरण भोषण करना चाहती है। किंतु चाइल्ड लाइन के अधिकारियो ने कहा कि उन्हे कानूनी बाध्यता है कि वह अभी बच्चा नही सौंप सकते। पुलिस इंस्पेक्टर सोना प्रसाद सिंह ने कागजी प्रक्रिया पुरा करने के बाद उस बच्चे को चाइल्ड लाइन के अधिकारियो के हवाले कर दिया। वावजूद वह महिला शहर के मझौलिया स्थित चाइल्ड लाइन कार्यालय पहुंच कर अधिकारियो से गुहार लगायी। किंतु उन्हे आंचल सूना कर के घर भेज दिया गया। जबकि उस महिला के गोद मे ही वह बच्ची चाइल्ड लाइन भेजी गयी। बच्चे को तत्काल केजरीवाल हॉस्पीटल मे भर्ती कराया गया है। इसके बाद उसे शिशु होम मे रखा गया है। सुनिता का गुलजार आंचल एक बार फिर से वीरान हो गया।