KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ को “ विविधता मे एकता ” का महोत्सव बताया। उन्होंने इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को समानता और सद्भाव का संगम करार दिया और कहा कि यह भारत की उन परंपराओं को दर्शाता है जो पूरे देश को एकजुट करती हैं।
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महा कुंभ: एकता का महापर्व
महा कुंभ, जो गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “समानता और सौहार्द का प्रतीक” बताया, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जाति, वर्ग और सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना भाग लेते हैं।
प्रधानमंत्री का संदेश:
“कुंभ में न कोई भेदभाव है, न जातिवाद। अमीर और गरीब सभी संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं, भंडारों में साथ भोजन करते हैं, और प्रसाद ग्रहण करते हैं। यही कारण है कि कुंभ को एकता का महा कुंभ कहा जाता है।”
प्रधानमंत्री ने इस आयोजन को भारत की प्राचीन परंपराओं का प्रतीक बताया, जो सदियों से समान रूप से मनाई जाती रही हैं।
भारत के धार्मिक त्योहार: एक सांस्कृतिक धरोहर
प्रधानमंत्री ने महा कुंभ को देश के अन्य धार्मिक मेलों से जोड़ा और बताया कि कैसे ये आयोजन भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हैं:
उत्तर भारत के आयोजन:
- कुंभ मेले हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज जैसे पवित्र स्थलों पर आयोजित किए जाते हैं।
दक्षिण भारत के उत्सव:
- उन्होंने पुष्करम का उल्लेख किया, जो गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदियों के तट पर मनाया जाता है।
गंगा सागर मेला:
- पश्चिम बंगाल के गंगा सागर मेले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “मकर संक्रांति के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु वहां स्नान करने पहुंचे। ये मेले हमारी सामाजिक एकता और सद्भाव को बढ़ाने वाले आयोजन हैं।”
प्रधानमंत्री ने दक्षिण भारत के कई मंदिरों, जैसे कुंभकोणम, तिरुचरप्पल्ली, और तिरुक्कदयूर का भी उल्लेख किया, जो कुंभ परंपराओं से जुड़े हुए हैं।
महा कुंभ का महत्व
महा कुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का उत्सव है।
प्रमुख विशेषताएं:
- लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी:
भारत और दुनिया भर से लोग संगम पर डुबकी लगाने और पूजा-अर्चना में शामिल होने आते हैं। - पवित्र स्नान:
मान्यता है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। - भंडारे और प्रसाद:
यहां भंडारों में सामूहिक भोजन और प्रसाद वितरण समानता और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परंपराएं “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को दर्शाती हैं।
वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रधानमंत्री की प्रशंसा
महा कुंभ के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
अंतरिक्ष में भारतीय सफलता:
- उपग्रह डॉकिंग में सफलता:
भारत चौथा देश बन गया है जिसने उपग्रह डॉकिंग तकनीक में सफलता पाई है। - अंतरिक्ष में पौधे उगाने का प्रयास:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में काउपी (Cowpea) बीज उगाने का सफल प्रयोग किया है।“यह प्रेरणादायक प्रयोग है, जो भविष्य में अंतरिक्ष में सब्जियां उगाने का रास्ता खोलेगा।”
महा कुंभ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण: भारत की अनूठी पहचान
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर और वैज्ञानिक प्रगति के बीच के सामंजस्य को रेखांकित किया।
मुख्य संदेश:
- धार्मिक आयोजन जैसे महा कुंभ आध्यात्मिक एकता का प्रतीक हैं।
- वैज्ञानिक उपलब्धियां भारत की भविष्यवादी दृष्टि को दर्शाती हैं।
- भारत की शक्ति इसकी परंपराओं और प्रौद्योगिकी में निहित है।
महा कुंभ, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने “एकता का संगम” कहा, केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता का उत्सव है। इस आयोजन से यह संदेश मिलता है कि भारतीय परंपराएं न केवल इतिहास का हिस्सा हैं, बल्कि आने वाले भविष्य के लिए प्रेरणा भी हैं।
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