KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान एक भयावह भगदड़ ने 30 लोगों की जान ले ली और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना संगम नोज के पास हुई, जहां गंगा, यमुना और कल्पित सरस्वती का संगम होता है।
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Toggleअब प्रशासन ने झूसी इलाके में भीड़ में अफरा-तफरी के दूसरे मामले की जांच शुरू कर दी है, जो मुख्य भगदड़ स्थल से 2 किलोमीटर दूर स्थित है। डीआईजी कुंभ वैभव कृष्ण ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जाएगी ताकि भीड़ नियंत्रण में चूक की सही वजहों का पता लगाया जा सके।
इस भयावह घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹25 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है।
महाकुंभ 2025 भगदड़: कैसे हुआ हादसा?
यह भयावह भगदड़ कुंभ के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक संगम नोज पर हुई।
📌 मृतकों की संख्या: 30
📌 घायलों की संख्या: 60
📌 स्थान: संगम नोज, प्रयागराज
📌 समय: 31 जनवरी 2025, तड़के सुबह
इस घटना के बाद, झूसी क्षेत्र में भी अफरा-तफरी का माहौल बनने की खबरें आईं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। स्थानीय व्यापारियों और श्रद्धालुओं ने बताया कि सेक्टर 21 क्रॉसिंग पर अचानक भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे अराजकता और भय का माहौल बन गया।
झूसी में भीड़ के हड़कंप की जांच शुरू
पहले पुलिस ने झूसी क्षेत्र में भगदड़ की खबरों को खारिज किया था, लेकिन अब प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
डीआईजी कुंभ वैभव कृष्ण ने कहा:
“हम झूसी क्षेत्र में हुई घटना के सभी सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच करेंगे।”
📌 क्या हुआ झूसी में?
✅ हजारों श्रद्धालु सेक्टर 21 क्रॉसिंग पर फंस गए
✅ पुलिस बल की कमी के कारण स्थिति बिगड़ गई
✅ महिलाएं और बच्चे भीड़ में गिरने लगे, जिससे और अधिक भगदड़ मच गई
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान: “लोग चिल्लाते रहे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था”
प्रत्यक्षदर्शियों ने उस खौफनाक मंजर को याद किया, जब लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और भगदड़ मच गई।
🔹 सौरभ मिश्रा, जो प्रयागराज के निवासी हैं, ने कहा:
“अचानक कुछ महिलाएं और बच्चे गिर गए। उनके परिवार वाले उन्हें बचाने के लिए दौड़े, लेकिन इससे और ज्यादा लोग गिरने लगे और भगदड़ मच गई।”
🔹 चाय विक्रेता शिव चरण भारती ने बताया:
“पुलिस मौजूद थी, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वे उसे नियंत्रित नहीं कर सके।”
🔹 नाश्ता विक्रेता राजू निषाद, जो सेक्टर 21 क्रॉसिंग पर काम करते हैं, ने बताया:
“सुबह करीब 6:30 बजे मैंने देखा कि लोग दोनों दिशाओं से आ रहे थे और केवल एक ही रास्ता था, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।”
मृतकों के परिजनों का दर्द: मोर्चरी के बाहर इंतजार और आंसू
घटना के बाद, मृतकों के परिजन प्रयागराज के SRM मेडिकल कॉलेज के पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर अपनों के शवों का इंतजार कर रहे थे।
🚨 भावुक कर देने वाले दृश्य:
📍 एक महिला पुलिसकर्मी फूट-फूट कर रोने लगी, जब गुस्साई भीड़ ने उसे घेर लिया और देर से पहुंचने पर सवाल करने लगी।
📍 क्रेन बुलानी पड़ी ताकि भगदड़ के बाद बिखरे हुए कपड़े, जूते और अन्य सामान हटाया जा सके।
📍 प्रशासन ने दो घंटे के भीतर जगह को साफ कर दिया, जिससे यह पहचानना मुश्किल हो गया कि यहां भगदड़ हुई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार का मुआवजा और राहत कार्य
भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹25 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है।
🚨 सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
✔ प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹25 लाख की सहायता राशि
✔ भगदड़ के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा
✔ झूसी की घटना की अलग से जांच शुरू
✔ महा कुंभ स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही मृतकों की अंतिम सूची जारी की जाएगी, जिससे परिजनों को अपने अपनों की पहचान करने में आसानी होगी।
महाकुंभ 2025 भगदड़: क्या थी मुख्य वजहें?
महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर बार करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लेकिन भीड़ प्रबंधन की कमी और अव्यवस्थित सुरक्षा व्यवस्था के चलते यहां कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
🚨 इस भगदड़ की संभावित वजहें:
🔸 अत्यधिक भीड़ और संकरी जगह
🔸 प्रभावी भीड़ नियंत्रण रणनीति का अभाव
🔸 संवेदनशील क्षेत्रों में अपर्याप्त पुलिस बल
🔸 आवागमन के लिए पर्याप्त मार्गों की कमी
बीते सालों में महाकुंभ मेले में कई भगदड़ की घटनाएं हुई हैं, जिससे यह साफ है कि भीड़ नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।
आने वाले आयोजनों में भगदड़ से बचने के उपाय
यह हादसा एक चेतावनी है कि भीड़ प्रबंधन को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।
🚨 कैसे रोकी जा सकती हैं ऐसी घटनाएं?
🔹 रियल-टाइम मॉनिटरिंग:
🔸 संवेदनशील स्थानों पर AI-आधारित निगरानी प्रणाली
🔸 भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डिजिटल एनालिटिक्स
🔹 बेहतर बुनियादी ढांचा:
🔸 अलग-अलग एंट्री और एग्जिट गेट बनाए जाएं
🔸 चौड़े रास्ते और खुले स्थान तैयार किए जाएं
🔹 पुलिस बल की मजबूती:
🔸 संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाए
🔸 तेज आपातकालीन सेवाएं और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी साधनों और भीड़ प्रबंधन की नई रणनीतियों को अपनाकर ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
📌 30 लोगों की मौत, 60 घायल
📌 झूसी क्षेत्र में भी भगदड़ जैसी स्थिति की जांच शुरू
📌 मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख मुआवजा
📌 CCTV फुटेज की गहन समीक्षा जारी
📌 आने वाले आयोजनों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत
महाकुंभ जैसे भव्य आयोजनों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।
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