विधिक जागरूकता शिविर
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। बाड़ाभारती पंचायत के ग्राम कचहरी में में रविवार को घरेलू हिंसा विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सरपंच सरस्वती देवी ने किया। कार्यक्रम का संचालन पैनल अधिवक्ता रामबाबू सिंह व पारा विधिक स्वयंसेवक शंकर कुमार ठाकुर ने किया । शिविर को संबोधित करते हुए पीएलवी शंकर ठाकुर ने कहा कि घरेलू हिंसा विधेयक 2005 के अनुसार घरेलू हिंसा एक संज्ञेय अपराध है । इस अपराध के तहत महिलाओं के खिलाफ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक व आर्थिक हिंसा का मामला दर्ज होगा ।अगर किसी महिला के साथ मानसिक हिंसा जैसे बेइज्जत करना, ताने देना, गाली-गलौज करना, झूठा आरोप लगाना, मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा न करना, मायके से न बुलाना तथा हिंसा की धमकी जैसे शारीरिक प्रताड़ना, तलाक देना भी घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है । वैधानिक अपराध के अंतर्गत पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा मानसिक या शारीरिक कष्ट दिया जाता है वो भी कानूनी जुर्म है।आरोप साबित होने पर तीन साल की सजा हो सकती है । झूठा आरोप या बेइज्जत करने पर दो साल, दहेज के कारण महिला की मृत्यु होने पर आजीवन कारावास, महिला की शालीनता भंग करने की मंशा से हिंसा या जबरदस्ती करने पर दो साल, महिला का अपहरण, भगाना या शादी के लिए मजबूर करने पर दस साल, नाबालिग लड़की को कब्जे में रखने पर दस साल, पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करने पर सात साल की सजा का प्रावधान निश्चित किया गया है । मौके पर उपेंद्र कुमार, चंद्रकला देवी, जितेंद्र सहनी, रामाशीष राम सहित अन्य लोग मौजूद थे ।
This post was published on जून 12, 2017 11:06
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