महंगाई: प्याज, सोना और चांदी की कीमतें एक साथ बढ़ी

Inflation: Onion, Gold, and Silver Batting Together on the Price Field

KKN गुरुग्राम डेस्क | महंगाई के मुद्दे ने भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार बदलाव देखा है, और हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। फरवरी 2025 में प्याज, सोना और चांदी की कीमतों में भारी उछाल देखा गया, जबकि अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है। यह स्थिति आम उपभोक्ताओं के लिए चिंताजनक है, लेकिन इसके बावजूद खाद्य महंगाई में कुछ राहत भी मिली है। आइए जानते हैं कि फरवरी में किस तरह के मूल्य परिवर्तनों ने महंगाई पर असर डाला।

प्याज, सोना और चांदी की कीमतों में वृद्धि

प्याज, जो भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, फरवरी 2025 में 30.42 प्रतिशत तक महंगा हो गया। जनवरी के मुकाबले प्याज की कीमतों में यह बड़ी बढ़ोतरी हुई है, जो पहले से ही महंगी हो चुकी थी। इसके साथ ही, सोने और चांदी की कीमतों में भी 35.56 प्रतिशत और 30.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। सोना और चांदी की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर महंगाई का दबाव और बढ़ गया है।

सब्जियों की कीमतों में गिरावट

हालांकि प्याज, सोना और चांदी की कीमतों में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर, कई खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों की कीमतों में गिरावट देखी गई है। फरवरी 2025 में सब्जियों की कीमतों में महत्वपूर्ण कमी आई है। अदरक की कीमत में 38.81 प्रतिशत, जीरे की कीमत में 28.77 प्रतिशत, टमाटर की कीमत में 28.51 प्रतिशत, फूलगोभी की कीमत में 21.19 प्रतिशत और लहसुन की कीमत में 20.32 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इन कीमतों में गिरावट से खाद्य महंगाई में कुछ राहत मिली है, खासकर शहरी और ग्रामीण इलाकों में। यह गिरावट खाद्य वस्तुओं के महंगे होने से राहत देने का काम कर रही है।

खाद्य महंगाई में बड़ी गिरावट

फरवरी 2025 में खाद्य महंगाई में 2.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई। इस महीने खाद्य महंगाई की दर मई 2023 के बाद सबसे कम रही है। इसका कारण यह है कि फरवरी में सब्जियों की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है, और इससे खाद्य महंगाई में कमी आई है। हालांकि, प्याज की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है, जो पहले से ही महंगी हो चुकी थी।

फरवरी में खाद्य महंगाई दर 3.75 प्रतिशत रही, जो जनवरी में 5.97 प्रतिशत थी। इस गिरावट का मतलब है कि उपभोक्ताओं को अब कुछ हद तक राहत मिल सकती है। इस कमी से लोगों की जेब में अधिक बचत हो सकती है, जिससे वे दूसरी जरूरतों के लिए खर्च कर सकते हैं, और इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिल सकती है।

दालें और मसाले भी सस्ते हुए

पिछले महीने सब्जियों के साथ-साथ दालों और मसालों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई। दालों से जुड़े सूचकांक में 7.6 प्रतिशत की कमी आई, वहीं मसालों के सूचकांक में 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट से आम लोगों के लिए दाल और मसाले भी सस्ते हो गए हैं, जो आमतौर पर उनके भोजन का अहम हिस्सा होते हैं।

महंगाई दर की उम्मीदें और वास्तविकता

फरवरी 2025 में महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद की गई थी, और विभिन्न अर्थशास्त्रियों और वित्तीय संस्थाओं ने अनुमान जताया था कि महंगाई 4 प्रतिशत से नीचे रहेगी। हालांकि, आंकड़े इसके उलट रहे, क्योंकि महंगाई दर 3.61 प्रतिशत रही, जो पहले अनुमानित 3.9 प्रतिशत से कम थी।

यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत देने वाली है, क्योंकि इससे उनकी खरीददारी की क्षमता में सुधार हो सकता है। जब उपभोक्ताओं की जेब में अधिक पैसे होंगे, तो वे दूसरी चीजों पर खर्च कर पाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।

फरवरी में महंगे सामान

फरवरी 2025 में कुछ विशेष वस्तुओं की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया। नारियल तेल की कीमत 54.58 प्रतिशत बढ़ी, वहीं नारियल की कीमत में 41.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सोने की कीमत में 35.56 प्रतिशत और चांदी की कीमत में 30.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। प्याज भी 30.42 प्रतिशत महंगा हुआ।

इन महंगी वस्तुओं ने उपभोक्ताओं के बजट को प्रभावित किया, लेकिन कुछ खाद्य वस्तुओं के सस्ते होने से राहत भी मिली।

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट

फरवरी 2025 में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। अदरक, जीरा, टमाटर, फूलगोभी और लहसुन की कीमतों में गिरावट आई। इन खाद्य वस्तुओं के सूचकांक में 24.4 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई है। जनवरी में इन वस्तुओं का औसत मूल्य सूचकांक 217.8 था, जो फरवरी में घटकर 193.4 पर आ गया है।

इसके अलावा, दालों और मसालों के सूचकांक में भी कमी आई है, जिससे इन वस्तुओं को खरीदने में उपभोक्ताओं को राहत मिली है।

ग्रामीण और शहरी महंगाई में अंतर

महंगाई की दर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुछ अंतर देखा गया। ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 3.79 प्रतिशत रही, जो जनवरी में 4.59 प्रतिशत थी। शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 3.32 प्रतिशत रही, जबकि जनवरी में यह 3.87 प्रतिशत थी।

फूड एंड बेवरेज महंगाई भी जनवरी के मुकाबले फरवरी में कम रही। जनवरी में फूड एंड बेवरेज महंगाई 5.68 प्रतिशत थी, जो फरवरी में घटकर 3.84 प्रतिशत हो गई।

महंगाई दर का मासिक ट्रेंड

फरवरी 2025 की खाद्य महंगाई दर और पिछले महीनों की तुलना में निम्नलिखित आंकड़े हैं:

  • फूड महंगाई दर:
    • फरवरी 2025: 3.75 प्रतिशत
    • जनवरी 2025: 5.97 प्रतिशत
    • दिसंबर 2024: 8.39 प्रतिशत
    • नवंबर 2024: 9.04 प्रतिशत
    • अक्टूबर 2024: 0.87 प्रतिशत
    • सितंबर 2024: 9.24 प्रतिशत
    • अगस्त 2024: 5.66 प्रतिशत
    • जुलाई 2024: 5.42 प्रतिशत

इन आंकड़ों से साफ है कि खाद्य महंगाई में गिरावट आई है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत है।

कुल मिलाकर, फरवरी 2025 में महंगाई में गिरावट देखी गई है, लेकिन प्याज, सोना और चांदी जैसी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने एक नई चिंता पैदा की है। हालांकि, सब्जियों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट ने कुछ राहत दी है। इससे उपभोक्ताओं के लिए कम खर्च की संभावना बढ़ी है और उन्हें अपनी दूसरी जरूरतों के लिए अधिक पैसे मिल सकते हैं।

महंगाई में यह गिरावट न केवल आम आदमी के लिए राहतकारी है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और अन्य संस्थान किस तरह से इन महंगाई के मुद्दों पर कार्रवाई करते हैं।

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