भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना नदी के जलस्तर में लगातार बृद्धि से दिल्ली बाढ़ की चपेट में आ गई है। यमुना के खतरे के निशान से 47 सेंटीमीटर से ज्यादा ऊपर बह रही है। दिल्ली की सरकार राहत कार्य की तैयारियों में जुट गई है। इस बीच हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। इससे हालात और अधिक बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। बिगड़ते हालातों की वजह से यमुना के किनारे रहनेवाले परिवारों को सुरक्षित स्थान पर चले जाने का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने की आपात बैठक
यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आपातकालीन बैठक की है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को आदेश दिया है कि यमुना किनारे पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर तत्काल पहुंचा दिया जाए। सरकार सभी विभागों को अलर्ट पर रखा हुआ है। सरकार ने आपातकालीन स्थिति के लिए टोलफ्री 1077 नंबर जारी कर दिया है। सरकार ने सभी कार्यपालक इंजिनियर और क्षेत्र के अधिकारियों को जलस्तर पर नजर बनाये रखने, रेलवे के पुराने पुल की स्थिति की मॉनेटरिंग करने और केंद्रीय जल आयोग / एमईटी के परामर्श या पूर्वानुमान को देखते हुए नियंत्रण कक्ष से लगातार संपर्क में रहने का आदेश दिया है।
हरियाणा पर भी है बाढ़ का खतरा
दिल्ली से भी बुरे हालात हरियाणा के यमुनानगर के बताए जा रहे हैं। दरअसल, हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी दिल्ली यमुनानगर के रास्ते ही आता है। इस वजह से उस इलाके में भी पानी भर गया है। वहां कई लोगों के घरों में पानी भर गया है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद हालात बेकाबू होने का खतरा बढ़ गया है।
भारी बारिश होने का है अनुमान
इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और इसके पड़ोसी इलाकों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इससे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों के दौरान बारिश होगी और कहीं-कहीं पर ‘भारी से लेकर बहुत भारी बारिश’ होने की संभावना है।
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This post was published on जुलाई 30, 2018 19:57
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