मजदूरो को रोकने पहुंचे विधायक की किसी ने नहीं सुनी
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार से लगातार पलायन करके चर्चा में आये प्रवासी मजदूरो का दर्द आखिरकार छलक ही गया। किसी को बेटी की शादी करने की चिंता है तो किसी को कर्ज चुकाने की जल्दी। ऐसे भी लोग हैं, जिनके पास परिवार चलाने के लिए पैसे नहीं है। पैदल और ट्रक में भर-भर के पंजाब से बिहार लौट रहे मजदूर मार्च और अप्रैल में लगातार मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे और अब वापिस पंजाब लौट कर सुर्खियों में है। लोगो के मन में सवाल उठने लगा है कि मात्र दो महीना पहले तक जो बिहार लौटने को गुहार लगा रहे थे। वहीं मजदूर फिर से बिहार क्यों छोड़ रहें है?
इस सवाल का जवाब मिला मुजफ्फरपुर जिला के सिवाईपट्टी थाना अन्तर्गत कोदरिया गांव में। मात्र डेढ़ महीना पहले पैदल और ट्रक में भर कर पंजाब से कोदरिया लौटे 25 मजदूर 6 जून को फिर पंजाब चले गये। पंजाब से आयी बस पर सवार होने से पहले मजदूरो दर्द विधायक मुन्ना यादव को देखते ही फुट पड़ा। विधायक इन मजदूरो को पंजाब जाने से रोकने गये थे। विधायक को अपने बीच देखते ही मजदूर उमेश राम कहने लगा कि साहूकार से 25 हजार रुपये कर्ज लिया था। अब वह सूद समेत वापस मांग रहा है। सुरेश राम कहता हैं कि बेटी की शादी करनी है। घर में जो पैसा था, वह लॉकडाउन की अवधि में खर्च हो गया। गांव में रोजगार है नही। तो, कया करें? योगेन्द्र राम बीच में शुरु हो गया। कहने लगा कि विधायक जी आप ही रोजगार दे दीजिए। कोई पंजाब नहीं जायेगा। मजदूरो की बात सुन कर विधायक मुन्ना यादव अवाक हो गया।
पूछने पर यहां मौजूद अधिकतर लोगों ने बताया कि पंजाब में धनरोपनी के काम में पहले 1200 रुपये रोज कमा लेते थे। इस बार दो हजार रुपये रोज पर बात हुई है। मजदूरो का काहना है कि यदि 20 दिन भी काम मिल गया तो 40 हजार रुपये की कमाई हो जाएगी। इधर, मजदूरों को पंजाब जाने से रोकने में नाकाम होने के बाद विधायक ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। कहने लगे कि मनरेगा में मजदूरो की जगह खुलेआम जेसीबी से काम हो रहा है और सरकार मजदूरों को गांव में रोजगार देने की बात कह रही है। विधायक ने सरकार पर मजदूरो को छलने का आरोप लगाते हुए विरोध में आंदोलन करने की घोषणा कर दी है।