KKN गुरुग्राम डेस्क | ,आज शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को सोने के दाम में गिरावट आई है। होली से पहले इस हफ्ते सोने की कीमतों में कमी आई है, जिससे आम लोग और निवेशक दोनों ही राहत महसूस कर रहे हैं। 24 कैरेट सोने के दाम में ₹500 तक की गिरावट देखी गई है। अब 24 कैरेट सोना ₹87,400 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹80,150 प्रति 10 ग्राम के आसपास बिक रहा है। इसके अलावा, चांदी के दाम भी बढ़कर ₹99,100 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गए हैं। आइए जानते हैं कि सोने के दाम में गिरावट क्यों आई और देश के प्रमुख शहरों में सोने और चांदी के दाम क्या हैं।
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क्यों आई सोने के दाम में गिरावट?
सोने के दाम में इस गिरावट के पीछे विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों की सतर्कता और वैश्विक आर्थिक नीतियों में संभावित बदलाव मुख्य कारण हैं। खासतौर पर अमेरिकी टैरिफ नीतियों में संभावित बदलाव और रोजगार दर, बेरोजगारी दर जैसे प्रमुख आंकड़ों का प्रभाव देखा जा रहा है। इन वैश्विक आर्थिक घटनाओं के कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, जिससे निवेशकों का मनोबल प्रभावित हुआ है और सोने की मांग में कमी आई है।
सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन जब अन्य क्षेत्रों में अस्थिरता का खतरा कम होता है, तो निवेशक सोने से अपना पैसा निकाल लेते हैं, जिससे इसकी कीमत घटती है। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर की ताकत और वैश्विक मुद्रा बाजारों के उतार-चढ़ाव का भी सोने के दाम पर असर पड़ता है।
प्रमुख भारतीय शहरों में सोने के दाम: 7 मार्च 2025
भारत के प्रमुख शहरों में सोने के दाम में अंतर देखा जा सकता है। आइए जानते हैं दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सोने के दाम क्या हैं:
दिल्ली:
- 22 कैरेट गोल्ड: ₹80,340 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट गोल्ड: ₹87,630 प्रति 10 ग्राम
मुंबई:
- 22 कैरेट गोल्ड: ₹80,190 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट गोल्ड: ₹87,480 प्रति 10 ग्राम
चेन्नई:
- 22 कैरेट गोल्ड: ₹80,190 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट गोल्ड: ₹87,480 प्रति 10 ग्राम
कोलकाता:
- 22 कैरेट गोल्ड: ₹80,190 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट गोल्ड: ₹87,480 प्रति 10 ग्राम
इन आंकड़ों से साफ है कि 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के दाम प्रमुख शहरों में लगभग समान हैं, लेकिन शहर दर शहर थोड़े बहुत अंतर हो सकते हैं, जो टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से होते हैं।
चांदी के दाम
7 मार्च 2025 को चांदी के दाम ₹99,100 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं। कल की तुलना में चांदी के दाम में लगभग ₹1,200 का इज़ाफा हुआ है, क्योंकि कल चांदी ₹97,900 प्रति किलोग्राम थी। चांदी की कीमत में यह बढ़ोतरी कुछ वजहों से हो सकती है, जैसे इसके उत्पादन में कमी या फिर मांग में वृद्धि।
भारत में सोने की कीमत कैसे तय होती है?
भारत में सोने की कीमत कई कारणों से बदलती रहती है। इन कारणों में वैश्विक बाजार की स्थितियां, सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स, रुपये की स्थिति, और अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम शामिल हैं। सोना सिर्फ एक निवेश का साधन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा भी है। खासतौर पर शादी और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत में इज़ाफा हो सकता है।
1. वैश्विक आर्थिक स्थिति
सोने की कीमतों में सबसे बड़ा असर वैश्विक आर्थिक स्थितियों से पड़ता है। जब वैश्विक बाजार अस्थिर होते हैं, तो लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। इसके कारण सोने की कीमतों में इज़ाफा हो सकता है। वहीं, यदि वैश्विक स्थिति स्थिर रहती है, तो सोने की कीमत घट सकती है।
2. डॉलर और रुपये के बीच विनिमय दर
सोने के दाम का सीधा असर डॉलर और रुपये के विनिमय दर पर पड़ता है। चूंकि सोने की खरीदारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर में होती है, यदि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो भारत में सोने के दाम बढ़ जाते हैं।
3. महंगाई दर
सोना महंगाई के खिलाफ एक बचाव के रूप में काम करता है। जब महंगाई बढ़ती है, तो लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। इसके कारण सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि सोना वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
4. सरकारी नीतियां और टैक्स
भारत सरकार के द्वारा लगाए गए टैक्स और आयात शुल्क भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं। यदि सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो सोने के दाम बढ़ सकते हैं। इसी तरह, सोने पर जीएसटी जैसे टैक्स भी कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
5. त्योहारों और शादियों का प्रभाव
भारत में सोने की मांग त्योहारों, खासकर दिवाली और शादियों के मौसम में बहुत बढ़ जाती है। इसके कारण सोने के दाम में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, इस समय सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आई है, लेकिन जैसे-जैसे होली करीब आएगी, मांग में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।
6. निवेशकों की मानसिकता और बाजार की स्थिति
सोने की कीमतों पर निवेशकों की मानसिकता और वैश्विक घटनाओं का भी प्रभाव पड़ता है। जैसे ही वैश्विक या घरेलू घटनाओं से जोखिम बढ़ता है, निवेशक सोने में पैसा लगाना शुरू कर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं।
7. राजनीतिक और वैश्विक घटनाएं
अंतरराष्ट्रीय राजनीति और संघर्षों का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ता है। यदि किसी देश में राजनीतिक संकट या युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
आने वाले दिनों में क्या उम्मीद करें?
जैसा कि हम होली की ओर बढ़ रहे हैं, सोने की मांग में थोड़ा इज़ाफा हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह मांग इतनी बड़ी नहीं होगी कि वह सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ला सके। वैश्विक आर्थिक घटनाओं के आधार पर सोने की कीमतों में और गिरावट हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही छोटी-मोटी उतार-चढ़ाव भी हो सकते हैं। चांदी के दाम में बढ़ोतरी जारी रह सकती है यदि इसकी मांग बढ़ती है।
आज, 7 मार्च 2025 को सोने के दाम में गिरावट आई है। 24 कैरेट सोने के दाम ₹87,400 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने के दाम ₹80,150 प्रति 10 ग्राम के आसपास हैं। चांदी के दाम ₹99,100 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गए हैं। सोने के दाम में यह गिरावट वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिकी नीतियों और बाजार की स्थिति से जुड़ी हुई है।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा और निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। त्योहारी सीजन और वैश्विक घटनाओं के आधार पर सोने और चांदी के दामों में हल्का बदलाव हो सकता है।
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