बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा मंगलवार को नाटकीय अंदाज में मंझौल कोर्ट पहुंची और सरेंडर कर दिया। वह आर्म्स एक्ट एक मामले में फरार चल रही थी। पुलिस से बचने के लिए पूर्व मंत्री सलवार सूट में चेहरा ढंककर सरेंडर करने पहुंची थी। उनके साथ उनका अधिवक्ता भी मौजूद था। गौरतलब बात यह है कि कोर्ट में पेशी के दौरान वह कोर्ट परिसर में ही बेहोश हो गई। आनन-फानन इलाज के लिए चिकित्सकों को बुलाया गया। पिछले बहुत दिनों से वह पुलिस को चकमा देकर फरार चल रही थी। मलूमहो कि इसी मामले में पूर्व मंत्री के पति चन्द्रशेखर वर्मा इसी कोर्ट में 29 अक्टूबर को सरेंडर किया था।
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सीबीआई की छापामारी में मिला था गोली
मालूम हो कि चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व मंत्री के पति का नाम आया था। इसके बाद सीबीआई टीम ने 17 सितंबर को पूर्व मंत्री के चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुन टोल स्थित उनके आवास पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 50 गोली बरामद की थी। स्मरण रहें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर सरकार को फटकार लगाते हुए बिहार पुलिस के डीजीपी को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने को कहा था।
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा
इस बीच कोर्ट ने मंजू वर्मा को ग्यारह दिनों की न्यायिक हिरासत में बेगूसराय मंडल कारा भेज दिया है। सरेंडर करने के डेढ़ घंटे बाद कोर्ट हाजत प्रभारी मनोरंजन सिंह ने उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल पहुंचाया। इजलास रूम से निकलने के बाद मंजू वर्मा ने अपने चेहरे को चादर से ढंक लिया था। जहां, पुलिस अधिकारियों ने उन्हें तुरंत कैदी वाहन के अंदर पहुंचा दिया।
यह है पूरा मामला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद कॉल डिटेल में चन्द्रशेखर वर्मा का नाम आया था। इसी आधार पर सीबीआई ने अर्जुनटोल आवास पर छापेमारी की। इसमे 50 राउंड कारतूस बरामद हुआ था। और सीबीआई के डीएसपी उमेश कुमार ने मंजू वर्मा व चन्द्रशेखर वर्मा को आरोपित बना कर स्थानीय थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था।
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