संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। गांव की रूढीवादी परम्परा को तोड़कर अपने पिता के चिता को मुखाग्नि देने वाली मीनापुर प्रखंड के चकईमाद गांव की पिंकी कुमारी ने शनिवार को आर्य समाज तरीके से आगे का क्रिया क्रम करने से इंकार कर दिया। घर की माली हालत को देखकर गांव के लोगो ने सलाह दी थी की आर्य समाज विधि से तीन दिन मे ही पुरा श्राद्ध का कर्म खत्म कर दिया जाये। किंतु पिंकी अपने रूख पर कायम रही। उसने कहा कि वह समान्य तरीके (गरूर पुराण) से अपने पिता का कर्म करेगी। मरने के बाद भी उन्हे ऐसा नही लगे की उनको पुत्र नही है। वह बेटी होकर भी बेटा का फर्ज निभायेगी। वह तेरहवी तक सभी क्रिया क्रम समान्य तरीके से नियमानुकूल करेगी। शनिवार को उसने तिराती का कर्म पुरे रिति रिवाज से किया। वह शायरा स्थल पर पहुंची। वहां पर मंत्रोच्चारण के साथ उसने अग्नि को बुझाया। राख को एकत्रित कर वेदी बनाया। तुलसी का फूल लगाकर पूजा अर्चना किया। उसके बाद आगे की रस्म की.मौके पर गांव के सैकड़ो लोग मौजूद थे।
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