संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। नोबेल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड बेंगलूरू की ओर से सोढना माधोपुर गांव मे करैला की खेती कब और कैसे करे इसको लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देने वैज्ञानिक अनिल कुमार के खेत पर पहुंचे। प्रशिक्षण मे अनिल कुमार,विनोद कुमार,सुरेंद्रकांत आलोक,मोहन पासवान,देवालाल प्रसाद,मस्तान प्रसाद,अखिलेश कुमार,व प्रगास ठाकुर के अलावा आसपास के गांवो के प्रगतिशील किसानो ने भाग लिया। कंपनी के बिहार व झारखंड के संयुक्त प्रभारी बीएन दुबे ने कहा कि करैला की खेती सेहत के लिए ही नही आर्थिक रूप से भी लाभकारी खेती है। टीएम निरंतर शाही ने करैला की आधुनिक खेती और इसमे लगने वाले रोगो से बचाव के बारे मे विस्तार से बताया। किसान अनिल कुमार व सुरेंद्र कांत आलोक ने कहा कि करैला की खेती किसानो के लिए वरदान साबित हो रहा है। नोबेल सीड्स का बीज अर्चना करैला की खेती के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। किसानो ने बताया कि सोढना माधोपुर के आसपास का गांव करैला की खेती का हब बन गया है। यहां पर बड़े पैमाने पर करैला की खेती होती है.किंतु पर्याप्त मंडी व भंडारण की सुविधा नही है।यहां के करैला आरा,भोजपुर,समेत युपी और नेपाल भी जाता है।
This post was published on जून 11, 2017 10:32
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