बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र का आदर्श गांव घोसौत में विकास से कोसों दूर है। चार वर्ष पहले जब वैशाली के सांसद ने मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के इस गांव को गोद लिया था तो लोगों ने कई सपने देखे थे। स्वास्थ्य, शिक्षा, आवागमन, रोजगार व कृषि के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद भी जगी थी। किंतु, कालांतर में सच्चाई सामने आ गया और लोगो की उम्मीदें धरी की धरी रह गई।
विदित हो कि 13 जनवरी 2015 को मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के घोसौत पंचायत को आदर्श ग्राम घोषित किया गया था। उस वक्त गांव में भव्य आयोजन किया गया था। अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनो ने मिल कर लोगो को यहां की हालात में अप्रत्यासित सुधार की उम्मीद बंधाई थी। किंतु, चार साल बाद घोसौत आदर्श ग्राम की पड़ताल करने पर हालात जस की तस बनी हुई मिली। लोगों में काफी नाराजगी है। मुखिया पति अजय कुमार चौधरी बतातें है कि घोसौत को टेंगरारी से जोड़ने वाली सड़क की ईंट उखड़ चुकी है। इसी प्रकार घोसौत दरगाह से मध्य विद्यालय तब आने वाली पक्की सड़क जर्जर हो चुकी है। घोसौत मध्य विद्यालय में 500 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ती है। बावजूद इसके आज तक यहां चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो सका। घोसौत दरगाह के समीप का 63 केवीए का ट्रांसफार्मर पांच महीने से जला पड़ा है। राजकीय नलकूप पांच साल से बंद है। घोसौत में 90 के दशक में बना अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र महज एक होमियोपैथी चिकित्सक के भरोसे चल रहा है।
जब लोगों से पूछा गया कि आदर्श ग्राम बनने के बाद इस गांव के विकास के लिए क्या हुआ? तो सांसद के करीबी रहे पूर्व जिला पार्षद प्रकाश सिंह ने बताया कि कुछ खास नहीं हुआ। सांसद विकास कोष से गांव की तीन सड़कों का जीर्णोद्धार हुआ और सांसद ने सोलर लाइट लगाने की अनुशंसा की है। बस, इससे अधिक कुछ भी नहीं हुआ। गांव के पप्पू झा बतातें है कि यह योजना पूरी तरह से विफल साबित हो गई। पूर्व मुखिया मो. साविर अली बतातें है कि इलाके के लोग स्वास्थ्य सेवा में सुधार की उम्मीद पाले थे, जो आज तक पूरा नहीं हुआ।
आरंभिक दिनो में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित घोसौत के विकास के लिए स्थानीय प्रशासन ने 5.6 करोड़ की लागत से 65 योजनाओं का चयन कर स्वीकृति के लिए जिला प्रशासन को भेजा था। हालांकि कालांतर में यह सभी योजनाएं कागज पर ही रह गई। बतातें चलें कि इसमें 2.76 करोड़ की लागत से पंचायत में 41 सड़कों का जीर्णोद्धार होना था। इसके अलावा पेयजल के लिए तीन पानी टंकी का निर्माण, पैक्स गोदाम, मनरेगा भवन, चार सामुदायिक भवन, पुस्तकालय भवन, 63 केवीए का तीन अतिरिक्त ट्रांसफार्मर, पंचायत के प्रत्येक वार्ड में 10 चापाकल, घोसौत अस्पताल में दो चिकित्सा पदाधिकारी व दो एएनएम की स्थायी नियुक्ति, एक स्टेडियम, विद्यालयों की मरम्मत व नाला निर्माण समेत 65 योजनाएं बनी थीं। जिसके पूरा होने की उम्मीद आज भी लोगो की हसरत बनी हुई है।
खबरो की खबर और लीक से हट कर खबर के लिए हमारे पेज को फॉलो कर लें।
This post was published on %s = human-readable time difference 12:30
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More
सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More
KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More
322 ईसा पूर्व का काल जब मगध का राजा धनानंद भोग-विलास में लिप्त था और… Read More
नाग और सांप में फर्क जानने का समय आ गया है! हममें से अधिकांश लोग… Read More