डायवर्सन से उड़ रहे धूल बना परेशानी का सबब
धूल के कारण छा जाता है अंधेरा, कुछ भी दिखायी नही देता, स्वास्थ्य पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव, डायवर्सन के मिट्टी पर नही डाला जाता पानी
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। मुजफ्फरपुर-शिवहर मुख्य मार्ग आमलोगो के लिए परेशानी का सबब बन गया है। परेशानी का कारण नेउरा का डायवर्सन है। नेउरा चौक से कुछ ही दूरी पर स्क्रू पूल को तोड़कर नया पुल बनाया गया है। यह पुल बनकर तैयार है। कुछ दिन पूर्व बिना उद्घाटन के ही यह चालू हो गया था। लेकिन एप्रोच पथ का काम शुरू होने के कारण पुल पर अवागमन फिर से ठप हो गया है। लोगो को डायवर्सन से होकर गुजरना पड़ता है। किंतु यह डायवर्सन राहगीरो के लिए परेशानी का सबब बन गया है। चिल्लचिलाती गरमी मे डायवर्सन पर भारी मात्रा मे धूलकण उड़ रहा है। सुबह से लेकर शाम तक डायवर्सन पर धूल से अंधेरा पसरा रहता है। कभी कभी रास्ते से गुजरने वाले वाहनो को कुछ दिखायी भी नही देता। नतिजतन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दो पहिया व आटो पर बैठे सवार को धूल इस कदर लपेट लेता है कि उन्हे घर पहुंच कर स्नान करना पड़ता है। पूर्व मुखिया सदरूल खान ने डीएम व बीडीओ को स्थिति से अवगत करा दिया है। पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि धूल मे आने जाने के कारण कई लोगो को स्वास्थ्य सम्बधि समस्या आने लगी है। जबकि पुल निर्माण कराने वाले ठेकेदार पुरी तरह संवेदनहिन बने हुए है। अमन पटेल कहते है कि ठेकेदार ने सही से डायवर्सन का निर्माण नही कराया। नतिजतन हमेशा दुर्घटना होती रहती है। डायवर्सन मे वाहन फंसाता रहता है। धूल के कारण लोग तो इतना परेशान हो जाते है कि लोग रास्ता बदल कर दूर रस्ते होकर जाते है। बगहा के मनोज कंस्ट्रक्शन से यह पुल बनबायी जा रही है। चार फरवरी को इसी पुल के डायवर्सन पर बालू लदा ट्रक पलट गया था। 28 अक्तूबर को पुल निर्माण के ठेकेदार से सशस्त्र नक्सलियो ने लेवी की मांग की थी। नतिजतन लम्बे समय तक काम बंद रहा था। हालांकि बारिश होने पर भी डायवर्सन पर परेशानी बढ जाती है। लोगो का कहना है कि धूल मिट्टी का परत फसल पर जम जाने से भी इसका कुप्रभाव पड़ता है। सीएचसी प्रभारी डॉ चंद्रमोहन मिश्रा बताते है कि धूल से बचना आवश्यक है। अगर धूल नाक के रास्ते भीतर जाती है तो फेफड़े का संक्रमण हो सकता है। श्वांस से सम्बधित बीमारी का भी डर है। सीओ राजीव कुमार वर्मा बताते है कि यह उनके स्तर का मामला नही है। वहां पर विभाग ही कुछ कर सकता है।
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