बिहार के बोधगया से एक भंतेजी के कारनामो की हकीकत अब सामने आने लगी है। इससे पहले बता दूं कि आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय को कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने पिछले दिनो उन्हें जेल भेज दिया है। मामला बिहार के बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था से जुड़ी है।
इस बीच पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था और उन्हें जबरन न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को इसके लिए खास किस्म की ट्रेनिंग के लिए देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से भेजा जाता था। यहां रहने वाले अधिकतर बच्चे त्रिपुरा और असम से होते थे। जांच से पता चला है कि यहां के कुछ बाल भिक्षुओं को कोलकाता और अन्य जगहों पर क्लाइंट्स के पास भी भेजा जाता था। बहरहाल, बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर पोक्सो एक्ट सहित अन्य धारोओं में भंते के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
खुलासे के बाद पटना से एफएसएल की टीम बोधगया पहुंच चुकी है और विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम बाल बौद्ध भिक्षुओं से अप्राकृतिक यौनाचार का साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है। इस दौरान संस्था के छात्रावास में रहने वाले 32 बाल भिक्षुओं की गया के जेपीएन अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गई। इन बच्चों का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। जांच टीम चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष भी इसे पेश करने की तैयारी कर चुकीं है।
बोधगया के मस्तीपुर स्थित बुद्धिष्ट मेडिटेशन सेंटर में बाल यौनाचार उत्पीड़न का मामले सामने आने के बाद इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल ने इसे गंभीरता से लिया है। बीटीएमसी में काउंसिल के सदस्यों ने आपात बैठक करके बाल लामाओं के साथ हुए यौनाचार उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है। काउंसिल के सचिव प्रज्ञादीप ने कहा कि यौनाचार उत्पीड़न के मामले के आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल से कोई लेना देना नहीं है। वह काउंसिल का सदस्य नहीं है और वह अपना स्वतंत्र संस्था चलाता था।
This post was published on सितम्बर 2, 2018 15:06
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