बिहार। बिहार इन दिनो जल प्रलय को झेल रहा है। बीते 72 घंटे से रुक रुक कर हो रही तेज बारिश व नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण पुरे उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। जानकारी के मुताबिक 40 प्रखंडों की लगभग 35 लाख की आबादी बाढ़ में फंसी हुई है। सीमांचल के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर है। शहर में तीन से चार फीट पानी बह रहा है। राज्य सरकार ने सेना की मदद मांगी है।
बाढ़ प्रभावित किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में पहले से ही मौजूद एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गई है। केन्द्र सरकार से एनडीआरएफ की 10 अतिरिक्त टुकड़ियां मांगी गयी हैं। भुवनेश्वर से चार टुकड़ी किशनगंज व पूर्णिया के लिए रवाना हो चुकी है। बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकाला जा रहा है।
एक दर्जन जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है
वाल्मीकिनगर गंडक बराज से रविवार को 4.85 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति और विकराल हो गई है। अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर हो गई है। इधर, मुजफ्फरपुर का भी कई इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है।
बाढ़ के कारण किशनगंज-सिलीगुड़ी-रेल मार्ग ठप हो गया है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को शेष भारत से रेल संपर्क टूट गया है। कटिहार से सिलिगुड़ी के मध्य रेल ट्रैक पर कई जगह पानी आ जाने की वजह से 18 से ज्यादा रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा है।