हाईकोट की फटकार पर हरकत में आई थी सूबे की सरकार
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक महीने तक चली गैंगरेप के एम मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद शनिवार को आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के विदिशा की रहने वाली और भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग कर रही एक 19 वर्षीया छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास चार लोगों ने गैंगरेप किया था।
आपको याद ही होगा कि गैंगरेप की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। पीड़िता के मुताबिक आरोपी गैंगरेप करने के बाद पीड़िता को बेहोशी की हालत में थोड़ी देर तक छोड़ कर पान व गुटखा खाने चले गए और लौटकर दूबारा चारो ने उसके साथ फिर से गैंगरेप किया था। इसके बाद पीड़िता ने अपने पिता के साथ तीन थानों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई, जबकि पीड़िता के पिता खुद पुलिसकर्मी हैं और मां सीआईडी में हैं।
इसके बाद पीड़िता के पिता खुद पीड़िता को साथ ले घटनास्थल पर गए और दो आरोपियों को पकड़ भी लिया। केस दर्ज करने से आनाकानी करने और पीड़िता की शिकायत को फिल्मी कहानी बताने वाले सात पुलिसकर्मियों को बाद में सस्पेंड कर दिया गया था। इस मामले में आईजी और एसपी का भी ट्रांसफर हुआ था। इसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाई और पूरे घटनाक्रम को ट्रैजडी ऑफ एरर्स करार दिया था। पीड़िता का पहला मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में भी गड़बड़ी सामने आई, जिसके चलते रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था।