वाहन के इंकार ने भाई को बनाया मजबूर
संतोष कुमार गुप्ता
गुवाहाटी। सीएम के गृह क्षेत्र का मतलब विकास के क्षेत्र मे अग्रणी इलाका माना जाता है। लेकिन वहां की सड़क ऐसी खराब निकल जाये और वहां एम्बुलेंस भी इंकार कर दे जाने से तो समझ सकते है कि वहां का विकास कैसा होगा। कुछ दिन पहले भी ओडिशा के कालाहांडी जिले में पत्नी का शव कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक चलने वाले दाना मांझी की तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। तब काफी लोगों ने प्रशासन की सुविधाओं पर सवाल खड़े किए थे। अब असम में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र मजुली में ऐसी ही घटना सामने आने पर यह चर्चा का विषय बन गई है। असम के अखबारों में प्रकाशित खबर के साथ तस्वीर में दिखाई गई है जिसमें एक शख्स अपने 18 वर्षीय भाई का शव साइकिल से ले जा रहा है। बताया जा रहा है कि गांव की सड़क इतनी खराब है कि कोई भी गाड़ी वाला उसके भाई के शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुई।
आखिरकार उसने भाई के शव को कपड़ों में लपेटकर साइकिल पर रख लिया और उसे लेकर निकल पड़ा। एक स्थानीय न्यूज चैनल पर तस्वीर आने के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही राज्य के उच्च पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारियों को मौके पर पहुंचने का आदेश दिया है। मरने वाला युवक लखीमपुर जिले के बालिजान गांव का रहने वाला था। इस गांव से अस्पताल की दूरी करीब आठ किलोमीटर है।
मृतक के भाई ने कहा कि मंगलवार को अस्पताल में उसके भाई की मौत हो गई थी। इसके बाद वह वहां से अपने भाई का शव साइकिल में बांधकर गांव के लिए निकल पड़ा था। मजुली के डिप्टी कमिश्नर पीजी झा ने इस घटना पर कहा कि मृतक के गांव बालीजान में जाने के लिए ऐसी सड़क नहीं है कि वहां गाड़ी ले जाया जा सके। इस गांव में जाने के लिए बांस के अस्थायी पुल से भी गुजरना होता है।