सिर मुड़ातें ही ओले पड़े की कहावत सच हुई
पाकिस्तान के नए निजाम मियां इमरान खान के सिर पर अभी ताज सजा भी नहीं और मुसीबतें दावत देने लगी। यानी सिर मुड़ाते ही ओले पड़ी वाली कहावत इमरान के लिए सच साबित होने वाला है। हुआ ये कि अमेरिका ने पाकिस्तान को रक्षा मद में मिलने वाली आर्थिक मदद में 80 फीसदी तक की कटौती करने के संकेत दिएं है। इससे पाकिस्तान को हर साल मिलने वाली 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि अब महज 15 करोड़ रह जायेगी। ताज्जुब की बात तो ये कि इस राशि को भी हासिल करने के लिए पाकिस्तान को कई शर्तों का अनुपालन करना होगा। जानकार मानतें हैं कि यदि ऐसा हुआ तो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति चरमरा सकती है।
आर्थिक मदद में भारी कटौती
बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 के लिए अमेरिकी रक्षा व्यय विधेयक को अगले सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष हस्ताक्षर के लिए रखा जाना है। किंतु, पहली बार इसके साथ पाकिस्तान को सुरक्षा के मदद में दी जाने वाली मदद का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। बतातें चलें कि पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क और आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर यह मदद दी जा रही थी। इसी प्रकार गैर नाटो सहयोगी के तौर पर पाकिस्तान को दी जाने वाली राशि में कटौती करके अब इसे मात्र 15 करोड़ डॉलर रहने की उम्मीद जताई गई है।
पाकिस्तान की विश्वसनियता खतरे में
अमेरिकी सांसद पहले ही पाकिस्तान के दोहरे चरित्र और दोस्त के नाम पर उसे दुश्मन करार दे चुके हैं। अमेरिका में आम राय है कि पाकिस्तान भरोसेमंद पार्टनर नहीं हो सकता है। व्हाइट हाउस ने भी अब पाकिस्तान पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिकी संसद ने पारित विधेयक में प्रमाणीकरण की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया है। पहले के नियम के तहत पेंटागन को यह प्रमाणित करना पड़ता था कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और इसी आधार पर उसे मदद के नाम पर राशि का भुगतान होता था।
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