अपने हाथो से उजाड़ रहे अपना आशियाना, सुरक्षित स्थानो की ओर पलायन कर रहे लोग, मुजफ्फरपुर-शिवहर मुख्य मार्ग पर गाड़ा तम्बू, बाढ प्रभावित इलाको मे दहशत,ग्रामीण कर रहे रतजगा
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। एक दशक बाद मीनापुर मे दस्तक दे चुकी बूढी गंडक का सैलाब अब कहर बरपाने लगी है। महदेईया गांव के हनिफ मिंया खुद का आशियाना अपने हाथो से उजाड़ रहे है। जिसको बनाने के लिए कहां कहां नही मजदूरी किया। अब वह सुरक्षित स्थान पर पलायन करने की तैयारी मे है। पास मे मौजूद पत्नी सबाना खातून,पुत्र मोहम्मदीन,व मो सर्फुद्दीन व मो सत्तार कहता है कि सब कहइत रहलई ह की दाहर कहियो ना अतई। फिर कहां से आ गेलई। हमरा सब के अब की होतई.वार्ड नम्बर-11 के जंगीलाल महतो खुद का आशियाना बचाने के लिए वह जहोजद्द कर रहे है। उनका आशियाना बिल्कुल डूब चुका है। वावजूद जान की बाजी लगाकर वह घर मे रखा समान को सुरक्षित स्थान की ओर ले जाने की तैयारी मे है। बाढ के इस कहर से परेशान होने वाले जंगीलाल अकेला नही है। रघई पंचायत के दो सौ लोग बूढी गंडक नदी के कटाव से विस्थापित हो गये है। मुखिया चंदेश्वर साह की माने तो सभी विस्थापित मुजफ्फरपुर-शिवहर मुख्य मार्ग मे प्लास्टिक के तम्बू मे रहने को विवश है। सामुदायिक भवन पर भी कटाव का खतरा मंडराने लगा है। रघई के रामलक्षण का घर बूढी गंडक नदी मे विलिन हो गया। इसके बाद जनक साह,प्रभु साह,उमेश गुप्ता,दिनेश गुप्ता,चलित्तर साह व चंदेश्वर साह ने अपने अपने आशियाने को उजाड़ कर सुरक्षित स्थानो की ओर पलायन कर गये है। रघई के रामभरोस सहनी का घर पानी मे डूब गया। बेटी किरण कुमारी(14 साल) ने खाने का अनाज निकालने के लिए गयी। गेंहू निकालने के दौरान उसकी मौत हो गयी। निवाला सुरक्षित करने गयी थी वह खुद जान गवां दी। महदेईया से जुब्बा सहनी के गांव चैनपुर जाने वाले मार्ग पर पानी चढ जाने से सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। हजारो लोगो का प्रखण्ड मुख्यालय से सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। नये इलाको मे तेजी से बाढ का पानी बढ रहा है। मीनापुर प्रखण्ड का ह्रदयस्थली मुस्तफागंज के आसपास के गांवो मे बाढ ने तेजी से पांव पसार दिया है। रोजमर्रा के समानो के दामो मे लगातार वृद्धी हो रही है। रघई के मुखिया चंदेश्वर साह बताते है कि उनका पंचायत पूर्ण रूप से बाढ प्रभावित है। वावजूद राहत कार्य की व्यवस्था सिफर है। घोसौत,बाड़ाभारती,पानापुर चक्की व जामीनमाठिया मे पानी तेजी से बढ रहा है। बाढ प्रभावित इलाको के लोगो मे दहशत है। वह रतजगा करने को विवश है। मझौलिया पंचायत के पूर्व मुखिया मो सदरूल खान ने बताया कि ब्रहंडा गांव मे बाढ का पानी प्रवेश कर गया है। त्राहीमाम की स्थिति है। मक्के की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। तुरकी पश्चिमी के पूर्व सरपंच नंदकिशोर चौधरी व सरपंच पति ओमकुमार साह बताते है कि तुरकी का पुरा इलाका जलमय है। फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। टेंगरारी बाजार के मुख्य सड़क पर पानी बह रहा है। कई घर व दुकाने जलमग्न हो गयी है।