पोखरण। भारतीय वैज्ञानिको ने अपने दमखम को एक बार फिर से साबित कर दिया है। दरअसल, भारत में निर्मित दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का गुरुवार को एक बार फिर सफल परीक्षण किया गया। कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरने और रेडार की आंख से बचने के लिए जानी जाने वाली ब्रह्मोस का परीक्षण पोखरण फायरिंग रेंज में आज सुबह किया गया। ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण 12 जून, 2001 को हुआ था।
ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और ये 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है।
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम से तैयार हुई इस मिसाइल का जल और थल से पहले ही सफल परीक्षण किया जा चुका था, अब इसे वायु में भी सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया। इस तरह यह तय हो गया है कि ब्रह्मोस जल, थल और वायु से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल बन गई है। इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है। ट्रायड की विश्वसनीय क्षमता इससे पहले सिर्फ़ अमरीका, रूस और फ्रांस के पास मौजूद है।
This post was published on मार्च 22, 2018 19:51
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