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तीन तलाक पर हैदराबाद के मुस्लिम महिलाओं का असंतोष क्या वोट के बिखराव का कारण बनेगा…

हैदराबाद क्यों बन गया है हॉट सीट

KKN न्यूज ब्यूरो। हैदराबाद को हॉट सीट बनाने में बीजेपी के महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। असदुद्दीन ओवैसी, मुस्लिमों के लिए बड़ा चेहरा है। हैदराबाद से वो स्वयं उम्मीदवार है। हैदराबाद से जो खबरें आ रही है। निसंदेह, चौकाने वाली है। क्या असदुद्दीन ओवैसी अपना गढ़ बचा पायेंगे… या इस बार हैदराबाद में कुछ नया होने वाला है। हैदराबाद की सीट को लेकर कॉग्रेस दुविधा में है। आखिर हैदराबाद में ऐसा क्या हो गया कि पूरे देश की नजर हैदराबाद पर टिक गई है।

पांच दशक से एक ही परिवार का है कब्जा

वैसे तो लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में सियासी हलचल तेज हो चुकी है। पर, हैदराबाद को लेकर लोगों में कुछ अलग उत्सुकता है। हैदराबाद को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन… यानी ए.आई.एम.आई.एम का गढ़ कहा जाता है। कहतें हैदराबाद के इस हॉट सीट पर वर्ष 1984 से ही ए.आई.एम.आई.एम का कब्जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी लगातार चार बार से हैदराबाद के सांसद निर्वाचित होते रहें है। इससे पहले इनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी लगातार 6 बार हैदराबाद के सांसद रह चुकें हैं।

माधवी लता कितनी बड़ी चुनौती

बीजेपी ने असदुद्दीन ओवैसी को घेरने के लिए फायरब्रांड माधवी लता को मैदान में उतार दिया है। माधवी लता… इससे पहले राजनीति में सक्रिय नहीं थी। हालांकि, इससे पहले वह आरएसएस के लिए काम कर चुकी है। वर्तमान में वह विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों के संपर्क में हैं और उनके लिए समाजिक स्तर पर काम करती है। लता लातम्मा फाउंडेशन और लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट की… वह ट्रस्टी हैं और निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद करती है। वह एक गौशाला भी चलाती हैं। माधवी लता के बारे में कहा जाता है कि वह समाजिक कार्यो में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेती रही है। मुस्लिम वोटरों पर भी उनकी खूब पकड़ है। जानकार मानते है कि बीजेपी… माधवी लता के कार्यों के सहारे… मुस्लिम वोटों का समीकरण साधने की जुगत में है।

मुस्लिम महिलाओं पर है बीजेपी की नजर

हैदराबाद में अपने काम और इमानदार छवि के साथ… मुस्लिम महिलाओं पर माधवी लता की अपनी एक अलग पकड़ है। अपने इसी पकड़ को यदि माधवी लता… वोट में तब्दिल करने में सफल हो गई… तो ओवैसी की मुश्किल बढ़ सकता है। कहतें हैं कि हैदराबाद में विकास को लेकर माधवी लता, ओवैसी पर हमलावर हो चुकी है। हैदराबाद के याकूतपुरा की रहनी वाली मधवी लता स्थानीय है। वह हैदराबाद के लोगों के बीच काफी लोकप्रीय है। हम पहले ही बात चुकें हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी… माधवी लता को बहुत ही सम्मान भरी नजरों से देखतें हैं। माधवी लता ने तीन तलाक के खिलाफ… इलाके में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था। गौर करने वाली बात ये है कि इस दौरान माधवी को मुस्लिम महिलाओं का… बड़ी संख्या में समर्थन भी मिल था। मदरसा में बच्चों के साथ होने वाले गलत व्यवहार के खिलाफ भी माधवी लता… काफी मुखर रही है। कुल मिला कर, माधवी लता… मुस्लिम महिलाओं के अधिकार और विकास की बात करके… ओवैसी को उनके गढ़ में ही ललकार रही है। दूसरी ओर… माधवी लता… हैदराबाद में हिन्दुत्व का भी बड़ा चेहरा है। मंदिर के जमीन पर अतिक्रमण को लेकर… माधवी लता के आक्रामक तेवर के सामने सरकार और प्रशासन… दोनों को कई बार झुकना पड़ा है।

क्या शहनाज तबस्सुम को कॉग्रेस का टिकट मिलेगा

इस लोकसभा में ओवैसी को सिर्फ बीजेपी से चुनौती मिल रही है… ऐसी बात नहीं है। केसीआर ने हैदराबाद लोकसभा सीट से जी. श्रीनिवास यादव को टिकट दे दिया है। कहतें हैं कि श्रीनिवास यादव के मैदान में उतरते ही… हैदराबाद का पूरा समीकरण गड्ड- मड्ड होने लगा है। इस बीच हैदराबाद में सभी की नजर कॉग्रेस पर टिक गई है। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक हैदराबाद में अपने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है। कयास लगाये जा रहें हैं कि कॉग्रेस के रणनीतिकार… सुप्रीम कोर्ट के वकील और तेलंगाना वक्फ बोर्ड के सीईओ… सैयद ख्वाजा मोइनुद्दीन की पत्नी शहनाज तबस्सुम को… अपना उम्मीदवार बना सकती है। हैदराबाद में शहनाज तबस्सुम की अपनी एक अलग पहचान है। वो तीन तलाक के खिलाफ जोरदार अभियान चला चुकी है। मुस्लिम महिलाओं के बीच शहनाज तबस्सुम… एक लोकप्रीय चेहरा है। कुछ लोग तो यहां तक कहने लगे है कि परिवर्तन की तलाश कर रहे मतदाताओं के लिए… शहनाज तबस्सुम… विकल्प बनने की माद्दा रखती है। शहनाज तबस्सुम के बारे में एक बात और… वह अखिल भारतीय आज़ाद कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष है। हालांकि, इस पार्टी का रजिस्ट्रेशन अभी नहीं हुआ है। लिहाजा, कॉग्रेस उनको अपना उम्मीदवार बना कर… ओवैसी को टक्कर दे सकती है।

दुविधा में है कॉग्रेस

शहनाज तबस्सुम के मैदान में आने से मुस्लिम वोट में विभाजन का खतरा… बढ़ जायेगा। यदि सच में मुस्लिम वोट में विभाजन हुआ… तो इससे… ओवैसी की मुश्किलें, बढ़ जायेगी। सवाल उठता है कि यदि मुस्लिम वोट बंटा… तो इसका लाभ… किसको मिलेगा। जाहिर है, बीजेपी को इसका लाभ मिलेगा… तो क्या कॉग्रेस ऐसा करेगी… मेरा मानना है कि बिल्कुल नहीं… ऐसे में मुझे लगता है कि हैदराबाद में कॉग्रेस अपना कोई कमजोर उम्मीदवार देकर… पर्दे के पीछे से ओवैसी को मदद कर सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि हैदराबाद में… कॉग्रेस अपना उम्मीदवार… उतारे ही, नहीं। यानी शहनाज तबस्सुम को टिकट मिलेगा… इस पर अभी, संदेह है।

पुरुष से अधिक है महिला वोटर

तेलंगाना में लोकसभा की कुल 17 सीट है। इसमें, हैदरबाद की सीट पर, पूरे देश की नजर है।  वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां असदुदीन ओवैसी को 26.43 प्रतिशत मतदाओं का समर्थन प्राप्त हुआ था। तब ओवैसी को कुल 5 लाख 17 हजार 471 वोट मिले थे। वहीं, 2 लाख 35 हजार 285 मतो के साथ बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. भगवंत राव… दूसरे स्थान पर रहे थे। दिलचस्प बात ये है कि हैदराबाद लोकसभा में पुरुष से अधिक महिला वोटर है। पुरुष वोटर की संख्या 9 लाख 45 हजार 277 है। जबकि, महिला वोटरों की संख्या 10 लाख 12 हजार 522 है। पिछले लोकसभा चुनाव… यानि 2019 तक यहां पुरुष वोटर की अधिक संख्या हुआ करती थी।

मुस्लिम वोटर की तादाद करीब 60 फीसदी है

महिलाओं को लेकर… विशेष करके मुस्लिम महिलाओं के अधिकार को लेकर… ओवैसी लगातार आक्रामक रहें है। तीन तलाक पर… बीजेपी जब कानून बना रही थी… तब ओवैसी ने इसका पुरजोर विरोध किया था। बीजेपी के रणनीतिकारों को ऐसा लगता है कि तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं में ओवैसी के खिलाफ अंदरखाने असंतोष है। बीजेपी इसी असंतोष को हवा देकर अपने लिए सम्भावनाएं तलाशना चाह रही है। हैदराबाद लोकसभा में अकेले मुस्लिम वोटर की तादाद करीब 60 फीसदी है।

सात में से छह पर एआईएमआईएम का कब्जा

हैदराबाद में विधानसभा की कुल सात सीट है। इसमें से छह पर ए.आई.एम.आई.एम का कब्जा है। एक मात्र गोशमहल, विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है। यानी हैदराबाद, फतह करना… बीजेपी के लिए आसान नहीं होने वाला है। कहतें हैं कि हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा विधानसभा से… असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई… अकबरुद्दीन ओवैसी… विधायक है। वर्ष 1994 के विधानसभा चुनाव में चारमीनार की सीट जीत कर… असदुद्दीन ओवैसी ने राजनीति में कदम रखा था।  इसके बाद… उन्होंने… आज तक… पीछे मुड़ कर नहीं देखा… और, लगातार चुनाव जीतते रहे।

हैदराबाद की एक और पहचान

कहतें हैं कि राजनीति से इतर… हैदराबाद की एक और पहचान है। आप शायद जानते होंगे… रामोजी फिल्म सिटी इसी हैदराबाद में मौजूद है। इसको दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी मानी जाती है। मशहूर फिल्म… ‘बाहुबली’ की शुटिंग… इसी रामोजी फिल्म सिटी में हुई थी। हालांकि, इस बार हैदराबाद को अपने ओरिजन बाहुबली की तलाश है। सवाल फिर वहीं कि क्या असदुद्दीन ओवैसी अपना गढ़ बचा लेंगे… या माधवी लता… बाजी को पलट देगी…।

This post was published on अप्रैल 24, 2024 14:37

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Published by
कौशलेन्‍द्र झा

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