KKN न्यूज ब्यूरो। ईरान और पाकिस्तान के बीच अचानक तनाव बढ़ गया है। ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल-अदल के मुख्यालय पर एयर स्ट्राइक कर दी है। पाकिस्तान की ओर से इसके गंभीर परिणाम की चेतावनी दी गई थी। अब पाकिस्तान ने ईरान में मौजूद बलूच अलगाववादी समूहों पर हमला किया है। पाकिस्तानी सेना ने कथित तौर पर ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में सरवन शहर में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की चौकियों पर हमला करने का दावा किया है।
पाकिस्तान की सेना को इस हमले से कई फायदे मिलने के आसार है। सबसे पहला तो इससे जनता का गुस्सा शांत हो जायेगा। क्योंकि, पाकिस्तान के लोग ईरान के हमले से नाराज थे और अपनी सेना की काबिलियत पर सवाल उठाने लगे थे। लोग कह रहे थे कि पाकिस्तानी सेना को सिर्फ पॉलिटिक्स आती है। इसके अतिरिक्त इसका राजनैतिक लाभ भी मिलेगा। दरअसल, पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं। लेकिन इससे पहले सेना ने इमरान खान और उनकी पार्टी पर कई एक्शन लिए हैं। सेना नहीं चाहती कि इमरान खान पीएम बनें। सेना एक बार फिर नवाज शरीफ के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। इमरान खान सबसे बड़े रोड़ा थे, जिन्हें जेल में डाल दिया गया है। इसके अलावा उनके खिलाफ कई और मुकदमे खोल दिए गए। पाकिस्तान में जनता का एक बड़ा पक्ष इमरान के समर्थन में है। ऐसे में इमरान पर हो रही कारवाई से सेना के खिलाफ गुस्सा है। ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद लोगों में सेना के प्रति सम्मान बढ़ जायेगा।
पाकिस्तान और ईरान के बीच शुरू हुए इस तानातानी से भारत भी अछूता नहीं रहेगा। बतातें चलें कि ईरान और अमेरिका के बीच हालिया दिनों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। अब अमेरिका पाकिस्तान को अपना मुहरा बना सकता है। सम्भव हैं कि अमेरिका एक बार फिर से पाकिस्तान को सैन्य मदद की पेशकश कर दे। जैसा कि सोवियत रूस के जमाने में अफगानिस्तान के खिलाफ किया गया था। यदि पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य मदद मिल गया, तो पाकिस्तान इसका बेजा इस्तेमाल भारत के खिलाफ करेगा। पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है। यानी, आने वाले दिनों में भारत को आतंकवाद से और अधिक सख्ती से निपटने की जरूरत पड़ सकती है।
This post was published on जनवरी 18, 2024 13:57
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