नई दिल्ली। जदयू में मची असली और नकली की लड़ाई का पटाक्षेप हो गया है। चुनाव आयोग ने नीतिश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू को मान्यता देते हुए तीर पर उनका कब्जा बरकरार रखा है। इस फैसले से शरद यादव को बड़ा झटका लगा है। बतातें चलें कि नीतीश से अलग होने के बाद शरद यादव ने खुद को असली जदयू बताते हुए चुनाव चिन्ह तीर पर अपना दाबा ठोक दिया था।
आयोग ने जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि चुनाव चिन्ह तीर पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू का हक है। यह बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए बड़ी राहत की खबर है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि नीतीश के पास विधायकों का अच्छा समर्थन है।
गौरतलब है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद शरद यादव ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यादव लगातार अपने धड़े को असली जेडीयू करार दे रहे थे। इस बारे में चुनाव आयोग में एक याचिका भी दायर की गई थी जिसपर आज फैसला सुनाया गया। दोनों खेमों के बीच चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद का पटाक्षेप हो गया है। चुनाव आयोग के इस फैसला से शरद यादव खेमा का मायूस होना लाजमी है। वही नीतीश गुट तीर के बदौलत गुजरात चुनाव में उतरने की तैयारी में जुट गयी है।
This post was published on नवम्बर 17, 2017 18:39
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