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बिहार के राज्यपाल अब होंगे देश के राष्ट्रपति का उम्मीदवार

​राष्ट्रपति पद के लिये भाजपा ने खेला दलित कार्ड

संतोष कुमार गुप्ता

राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा ने बड़ी सुझबूझ व दूरगामी परिणामो के मद्देनजर रखते हुए नाम का ऐलान कर दिया है। हालांकि यह चौकाने वाली घोषणा है।अब तक लग रहे अटकल व कयासो पर विराम लग गया है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज (19 जून को) इसका एलान किया। कोविंद दलित समुदाय से आते हैं। वो यूपी के कानपुर के रहने वाले हैं और बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वो बीजेपी में अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष, महामंत्री और प्रवक्ता के रूप में भी दायित्व निभा चुके हैं। इससे पहले पार्टी मुख्यालय में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव और उम्मीदवार पर लंबी चर्चा हुई।  इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी समेत संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे।

बता दें कि पार्टी ने इससे पहले तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है जो सभी दलों से राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा कर चुकी है। इनमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू शामिल हैं। इस बैठक में इस समिति द्वारा सभी दलों के नेताओं से किए गए विचार-विमर्श पर भी चर्चा की जाएगी। हालांकि, इस तीन सदस्यीय कमेटी के दो सदस्य आज की संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह का पैर फ्रैक्चर हो चुका है जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली विदेश दौरे पर हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 15 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। 1 जुलाई तक नामांकन वापस लेने की तारीख है। उसके बाद 17 जुलाई को वोटिंग होगी और 20 जुलाई को नतीजे आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को पदभार संभालेंगे।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके लिए विशेष प्रकार की पेन का इस्तेमाल होगा। चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की थी कि वोटिंग के लिए किसी भी पार्टी को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं होगा। इसका मतलब यह हुआ कि हर विधायक या सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकेगा। वे पार्टी या पार्टी समर्थित उम्मीदवार को ही वोट देने के लिए बाध्य नहीं होंगे। उम्मीदवारों के लिए भी कई जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। उम्मीदवार को 15 हजार रुपये की सिक्योरिटी जमा करानी होगी। इसके अलावा उम्मीदवार अगर किसी तरह के भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाता है तो उसकी दावेदारी रद्द हो जाएगी।

This post was published on जून 19, 2017 19:20

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संतोष कुमार गुप्‍ता

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