जॉर्ज फर्नांडिस
भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को निधन हो गया। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। वाजपेयी सरकार के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस देश के रक्षामंत्री थे। हमेशा बेझिझक अपनी बात कहने वाले जार्ज पूर्व ट्रेड यूनियन नेता, राजनेता, पत्रकार, कृषिविद और राजनीतिज्ञ के रूप में याद किए जायेंगे। उन्होंने ही समता पार्टी की स्थापना की थी। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने रेलवे, उद्योग, रक्षा, संचार जैसे अहम मंत्रालय में बेहतर काम करके लोगो के दिलो में अपनी मजबूत पहचान स्थापित की थी। जॉर्ज फर्नांडीस 9 बार लोकसभा चुनाव जीते।
जॉर्ज फर्नांडिस का जन्म 3 जून 1930 को कर्नाटक के मंगलुरु में हुआ था। फर्नांडिस जब 16 साल के हुए तो उनके पिता ने एक क्रिश्चियन मिशनरी में पादरी बनने की शिक्षा लेने के लिए भर्ती करा दिया। लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा। इसके बाद वह 1949 में महज 19 साल की उम्र में रोजगार की तलाश में मुंबई चले गए।
मुंबई में वह लगातार सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन आंदोलन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गये। फर्नांडिस की शुरुआती छवि एक जबरदस्त विद्रोही की थी। उस वक्त फर्नांडिस समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया से प्रेरणा लिया करते थे। 50 और 60 के दशक में जॉर्ज फर्नांडिस ने कई मजदूर हड़तालों और आंदोलनों का नेतृत्व किया।
1970 के दशक में तब उनको पहचान मिली जब उन्होंने रेल कर्मचारियों की ऐतिहासिक हड़ताल का नेतृत्व किया। वे ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फ़ेडरेशन के अध्यक्ष थे और उनके आह्वान पर 1974 में रेलवे के 15 लाख कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। रेलवे की हड़ताल से पूरा देश थम सा गया। जब कई और यूनियनें भी इस हड़ताल में शामिल हो गईं तो सत्ता के खंभे हिलने लगे। इस वक्त तक वह बंबई के सैकड़ों-हजारों गरीबों के मसीहा बन चुके थे।
वर्ष1967 के लोकसभा चुनावों में वे उस समय के बड़े कांग्रेसी नेता एसके पाटिल को हरा कर बॉम्बे साउथ की सीट से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए। उस वक्त लोग उन्हें ‘जॉर्ज द जायंट किलर’ भी कहने लगे थे। इस समय तक जॉर्ज युवा मज़दूर नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। इसके बाद राजनीति के क्षेत्र में तेजी से सीढ़ियां चढ़ने लगे थे।
जार्ज फर्नांडिस ने वर्ष 1971 में पूर्व केंद्रीय मंत्री हुमायूं कबीर की बेटी लीला कबीर से विवाह किया। जॉर्ज फर्नांडिस ने एनडीए के शासन काल में 1998 से 2004 तक रक्षा मंत्री का पद संभाला था। पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध और पोखरण में न्यूक्लियर टेस्ट के दौरान फर्नांडिस ही रक्षा मंत्री थे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जून 1975 में इमरजेंसी की घोषणा कर दी। इस बीच जॉर्ज इंदिरा हटाओ लहर के नायक बन चुकें थे और अंडरग्राउंड रहते हुए इंदिरा गांधी के खिलाफ मुहिम चला रहे थे। ठीक एक वर्ष बाद उन्हें मशहूर बड़ौदा डाइनामाइट केस के अभियुक्त के रूप में गिरफ्तार कर लिया गया।
This post was published on जनवरी 29, 2019 11:44
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