भारत की दमदार विदेश नीति के सामने घुटते टेकते हुए अमेरिका ने रक्षा सौदा के मामले में अपने प्रतिबंध में ढ़ील दी है। अब रूस से हथियार की खरीद करने में भारत को किसी भी प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले अमेरिकी संसद ने नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट 2019 विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के पारित होते ही रूस से हथियार खरीदने पर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा खत्म हो गया है।
भारत को मिली बड़ी राहत
जानकार इसे भारत की मजबूत विदेश नीति की जीत बता रहें हैं। दरअसल, हथियार सौदा के मामले में भारत का सबसे विश्वनीय पार्टनर रूस को माना जाता है। इसके बाद भारत का रूस से हवाई सुरक्षा प्रणाली (एस-400) खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। इस नए विधेयक का लाभ भारत के अतिरिक्त अमेरिका के दूसरे प्रमुख सहयोगी देशों को भी मिलेगा और वह देश भी अब रूस से हथियार सौदे करने पर लगने वाले प्रतिबंधों से मुक्त हो गएं हैं। इस विधेयक को पारित कराने में अमेरिका के विदेश मंत्री जेम्स मैटिस और रक्षा मंत्री माइक पॉम्पियो की भूमिका अहम रही है।
ऐसे लागू हुआ था प्रतिबंध
दरअसल, वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूप से हस्तक्षेप करने के मामले में रूस को दंडित करने के लिए अमेरिका ने 2017 में एक कानून बनाया था। काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट (सीएएटीएसए) नामक इस कानून में रूस से रक्षा सौदे करने वाले देशों पर कई प्रकार के आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने का प्रावधान किए गए थे। सीएएटीएसए के तहत जिन देशों को प्रतिबंध की लिस्ट में शामिल किया गया था उनमें भारत भी शामिल था।
This post was published on अगस्त 2, 2018 19:43
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