बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी रणनीति बना रही है। Live Cities से खास बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने पार्टी की तैयारियों, चुनौतियों और भविष्य की योजना को लेकर अपनी राय साझा की।
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बिहार कांग्रेस में बदलाव की अटकलें, क्या है सच्चाई?
हाल ही में कांग्रेस में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस पर तारिक अनवर ने कहा कि बिहार कांग्रेस में किसी बड़े फेरबदल की कोई योजना नहीं है। पार्टी का मुख्य फोकस आगामी चुनावों में प्रदर्शन सुधारने पर है।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठन को मजबूत करने और पुनर्गठन की जरूरत पर जोर दिया था। हालांकि, यह केवल बिहार के संदर्भ में नहीं, बल्कि पूरे देश में पार्टी को मजबूत करने की एक रणनीति का हिस्सा था।
क्या कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी या आरजेडी के साथ गठबंधन बरकरार रहेगा?
बिहार चुनावों से पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर आरजेडी के साथ गठबंधन जारी रहेगा? इस पर तारिक अनवर ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है।
“अगर हमें अकेले चुनाव लड़ना होता, तो इसकी तैयारी पिछले चुनाव के बाद से ही शुरू करनी चाहिए थी। अब केवल छह महीने का समय बचा है, ऐसे में अकेले चुनाव लड़ना मुश्किल होगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने के लिए मजबूत संगठन और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क चाहिए, जिसे विकसित करने में समय लगता है।
सीट शेयरिंग पर बातचीत अभी तक नहीं हुई
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन के तहत 70 सीटें मिली थीं, लेकिन पार्टी केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी। इसके बाद कांग्रेस के प्रदर्शन पर कई सवाल उठे थे।
इस बार कांग्रेस की कोशिश है कि उसे कम से कम उतनी ही सीटें मिलें, जितनी 2020 में मिली थीं। हालांकि, गठबंधन को लेकर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।
“सीटों के बंटवारे पर बातचीत जल्द शुरू होगी। इस बार हमारा प्रयास रहेगा कि हम उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ें जहां हमारी संगठनात्मक स्थिति मजबूत है और जीत की संभावना अधिक है,” तारिक अनवर ने कहा।
क्या कांग्रेस आरजेडी के इशारे पर चलती है?
कई बार कांग्रेस पर आरोप लगते रहे हैं कि बिहार में वह आरजेडी के इशारे पर चलती है और स्वतंत्र रूप से फैसले नहीं लेती। इस पर तारिक अनवर ने सफाई देते हुए कहा कि यह धारणा सही नहीं है।
“हां, हमारे प्रदेश अध्यक्ष के लालू प्रसाद यादव से अच्छे संबंध हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस उनके इशारे पर काम करती है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि गठबंधन में कई महत्वपूर्ण फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं, ताकि महागठबंधन को अधिक से अधिक फायदा हो।
बिहार कांग्रेस में युवा नेतृत्व की कमी क्यों?
कांग्रेस की एक बड़ी चुनौती यह भी है कि पार्टी में युवा नेतृत्व की कमी है। कई अन्य दलों के मुकाबले, कांग्रेस बिहार में कद्दावर युवा नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पाई।
तारिक अनवर ने इसका कारण बताते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 30 सालों से बिहार में सत्ता से बाहर रही है। विपक्ष में रहने के कारण पार्टी के संगठन पर असर पड़ा और युवा नेतृत्व उभरने का मौका नहीं मिला।
“पार्टी सत्ता में होती है तो संगठन भी मजबूत होता है। लेकिन बिहार में कांग्रेस के लिए यह चुनौती बनी हुई है,” उन्होंने कहा।
हालांकि, उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि कांग्रेस बिहार में अभी भी मजबूत आधार रखती है और अगर सही रणनीति अपनाई गई तो पार्टी अपनी स्थिति और मजबूत कर सकती है।
क्या बिहार में कांग्रेस फिर से मजबूत हो सकती है?
तारिक अनवर का मानना है कि अगर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मिलकर काम करें, तो पार्टी को बिहार में फिर से मजबूत किया जा सकता है।
“हम सभी को मिलकर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। अगर हम मेहनत करेंगे, तो कांग्रेस बिहार में और ताकतवर होगी,” उन्होंने कहा।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं, लेकिन अगर पार्टी ने सही रणनीति अपनाई तो आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
बिहार कांग्रेस के लिए आगे की राह क्या है?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पार्टी को तय करना होगा कि क्या वह अकेले चुनाव लड़ेगी या महागठबंधन में रहेगी।
इसके अलावा, कांग्रेस को संगठन को मजबूत करने, सीट शेयरिंग पर समझौता करने और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने जैसी कई चुनौतियों का सामना करना होगा।
अब सबकी नजरें कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या पार्टी बिहार में अपनी पुरानी साख वापस ला पाएगी या फिर महागठबंधन के तहत आरजेडी की छाया में ही रहेगी? यह आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।
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