बिहार। भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बगाबती तेबर एक बार फिर से सामने आया है। श्री सिन्हा ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि भाजपा को वन मैन शो और दो-सैनिकों की सेना वाली मानसिकता से बाहर आना होगा। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मेरे विचार से युवाओं, किसानों और व्यापारियों के बीच असंतोष को देखते हुए हमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हमें दीवार पर लिखी लिखावट को पढ़ना चाहिए।
शत्रुघ्न सिन्हा ने किसी दूसरी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह भाजपा को छोड़ने के लिए इसमें शामिल नहीं हुए थे। कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की क्या गलती है। उन्हें दरकिनार क्यों कर दिया गया?
श्री सिन्हा यही नही रूके और कहा कि हम सब एक परिवार के समान हैं। अगर किसी से कोई गलती हुई तो उसे सुधारने की कोशिश क्यों नहीं की गई? कहा कि आडवाणी और जोशी भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं। उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया गया जो एक तरह से उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन के समाप्त होने की ओर इशारा करता है। शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि अपनी विफलताओं पर ईमानदारी के साथ गौर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम इससे इनकार नहीं कर सकते कि नोटबंदी के कारण कई लोगों की नौकरी गई और जैसा कि वादा किया गया उस हिसाब से कालाधन भी निकल कर सामने नही आ सका है। लिहाजा, पार्टी फोरम पर इसकी समीक्षा होनी चाहिए।
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