बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौप दिया है। मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में पति का नाम आने के आरोप के बाद उन पर लगातार इस्तीफे का दबाव पड़ रहा था।
विपक्ष का दबाव काम आया
मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद विपक्ष मंत्री के इस्तेफे की मांग करते हुए सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई थी। बताया जाता है कि सरकार में शामिल रहीं इकलौती महिला मंत्री से इस्तीफा लेने के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की। साथ ही कुशवाहा समुदाय के नेताओं से भी इस मसले पर विमर्श किया।
मंत्री ने पति को बताया निर्दोश
बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए मंजू वर्मा ने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं। नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगातार बेवजह आरोप लगाने के बाद पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की एक सीडीआर का हवाला देकर उनसे इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी। विपक्ष व मीडिया इस्तीफा को लेकर हाय-तौबा मचा रहा था। हमलोग राजनीतिक व सामाजिक जीवन से जुड़े हैं, ऐसे में फोन रिसीव करना और बात करना गुनाह नहीं होता है।
मानहानि का होगा केस
मंजू वर्मा ने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं और बाद में भी निर्दोष साबित होंगे। तब मैं आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानि का केस करूंगी। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में आरोपी बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन की पत्नी द्वारा आरोप लगाया गया था कि समाज कल्याण मंत्री के पति चंदेश्वर वर्मा भी बालिका गृह में आते-जाते थे। इसके बाद से लगातार मंत्री मंजू वर्मा पर इस्तीफा का दबाव बनाया जा रहा था।
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