बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने के संकेत
किशनगंज। बिहार के सीमांचल का इलाका अचानक सुर्खियों में आ गया है। कारण बना है सीमांचल के किशनगंज में एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का दौरा।
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी कट्टरवाद के फायरब्रांड नेता है। अपने पहले ही दौरा में ओवैसी ने सीमांचल से अपने पार्टी को लोकसभा चुनाव 2019 में उतारने की घोषणा करके बिहार की राजनीति में हलचल मचा दिया है। ओवैसी की इस घोषणा से मुस्लिम वोट को अपना बैंक समझने वालों के रातो की नींद का उड़ जाना स्वभाविक है। इधर, ओवैसी ने बिना देरी किये ही एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस, राजद, भाजपा और जदयू को फिरकापरस्त बताने में गुरेज तक नहीं किया। जाहिर है कि ओवैसी ने बिहार आकर राजनीति के नए ध्रुवीकरण का स्पष्ट संकेत दे दिया है और वर्ष 2019 के लोकसभा में इसके असर से अब किसी को इनकार नहीं होगा।
क्या कहा ओवैसी ने
ओवैसी ने लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर सीमांचल के सर्वांगीण विकास को मुद्दा बनाते हुए मंगलवार को ठाकुरगंज से चुनावी शंखनाद करते हुए सीमांचल के पिछड़ेपन को जोरदार तरीके से उठा कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। ठाकुरगंज के गांधी मैदान में आयोजित जनचेतना सम्मेलन को संबोधन करते हुए उन्होंने सीमांचल के विकास के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 371 के तहत सीमांचल के विकास के लिए वे सड़क से लेकर सदन तक मुद्दा उठाएंगे। इसके लिए उन्होंने एक बिल बनाया है जिसे आने वाले 18 जुलाई को संसद सत्र से दौरान पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 371 के तहत ही सीमांचल विकास परिषद का गठन एवं विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की जाएगी।
बिहार के सीएम रहे निशाने पर
वैसे तो ओवैसी ने राजद से लेकर कॉग्रेस तक और बामदल से लेकर भाजपा तक, किसी को नहीं छोड़ा। किंतु, सर्वाधिक निशाना साधा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर। ओवैसी ने कहा कि उन्हें 2015 के विधानसभा चुनाव में उनको वोट कटवा कह कर लोगो को बरगलाया गया और महागठबंधन बनाकर भाजपा को रोकने के नाम पर मुस्लिमो का वोट लेकर छलने का काम किया। विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों के बाद सीएम नीतीश कुमार फिर से भाजपा की गोद में बैठ गए। सीमांचल के विकास के नाम पर किये गए वायदे भी भूल गए।
सीमांचल के विकास के लिए दी ब्लूप्रींट
ओवैसी ने सीमांचल के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और राजद को सुयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये सभी फिरकापरस्त ताकतें हैं। उन्होंने कहा कि सीमांचल की मांगों में प्रमुख रूप से ठाकुरगंज में लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव, महानंदा बेसिन योजना के अलावा 18 और भी मांगे है। जिसे वे पूरा करेंगे। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को किशनगंज से प्रत्याशी के रूप में घोषणा कर दी है। कार्यक्रम को एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने भी संबोधित किया। इस मौके पर एआइएमआइएम पार्टी के सीमांचल के सभी नेता मौजूद थे।