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DU छात्रा स्नेहा देबनाथ की संदिग्ध मौत, परिवार ने हत्या की आशंका जताई

दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा स्नेहा देबनाथ की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस को उसके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने सिग्नेचर ब्रिज से कूदने की बात लिखी है।

हालांकि, परिवार का दावा है कि स्नेहा आत्महत्या नहीं कर सकती, उसे मजबूर किया गया होगा।

पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है ताकि असलियत सामने आ सके।

कमरे से मिला चार लाइन का सुसाइड नोट

स्नेहा के कमरे से जो पत्र मिला, उसमें लिखा है कि वह अपनी जान देने जा रही है।

उसने कहा कि वह खुद को असफल और बोझ समझती है और अब जीना असहनीय हो गया है।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि यह उसका निजी निर्णय है, इसमें किसी की साजिश नहीं है।

पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह पत्र स्नेहा ने ही लिखा था।

सहेली को आत्महत्या का ईमेल भेजा

पुलिस जांच में सामने आया है कि स्नेहा ने अपनी एक सहेली को ईमेल भेजा था।

ईमेल में लिखा था, “मैं जा रही हूं”, जो आत्महत्या का संकेत माना जा रहा है।

पुलिस ईमेल का विश्लेषण कर रही है ताकि भेजने का सही समय और स्थान पता चल सके।

यह मेल भी इस केस में एक अहम सबूत माना जा रहा है।

यमुना नदी से मिला शव

पुलिस ने रविवार को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास यमुना नदी से एक शव बरामद किया।

शव की पहचान स्नेहा देबनाथ के रूप में की गई है।

उसका पोस्टमार्टम सोमवार को कराया गया, जिससे मौत की वजह स्पष्ट होगी।

ARSD कॉलेज की छात्रा थी स्नेहा

स्नेहा आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज में बीएससी मैथ की दूसरी वर्ष की छात्रा थी।

वह दिल्ली के महरौली इलाके में रहती थी और मूल रूप से त्रिपुरा की रहने वाली थी।

उसके पिता प्रीतिश देबनाथ भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं।

7 जुलाई को लापता हुई थी स्नेहा

7 जुलाई की सुबह वह घर से निकली थी, यह कहकर कि वह दोस्त को स्टेशन छोड़ने जा रही है।

उसने एक कैब बुक की और ड्राइवर का नंबर अपनी मां के साथ शेयर किया।

सुबह करीब 8:45 बजे स्नेहा का फोन बंद हो गया।

जब तक उसका कोई संपर्क नहीं हुआ, मां ने कैब ड्राइवर से बात की।

ड्राइवर ने बताया कि उसने स्नेहा को वजीराबाद स्थित सिग्नेचर ब्रिज पर उतारा था।

परिवार ने जताई अपहरण की आशंका

स्नेहा न तो स्टेशन पहुंची और न ही घर वापस आई।

परिवार ने उसी दिन महरौली थाने में अपहरण की आशंका जताते हुए शिकायत दर्ज कराई।

उसका मोबाइल फोन बंद था और आखिरी लोकेशन सिग्नेचर ब्रिज पर मिली थी।

बहन ने आत्महत्या को किया खारिज

स्नेहा की बहन बिपाशा ने मीडिया को बताया कि उसकी बहन आत्महत्या नहीं कर सकती।

वह मानसिक रूप से मजबूत थी और आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकती थी।

बिपाशा ने सुसाइड नोट पर सवाल उठाए, कहा – चार लाइन का नोट असली नहीं लग रहा।

“न उसमें भावना है, न वजह… ये पत्र स्नेहा ने नहीं लिखा होगा,” उसने कहा।

परिवार ने कहा- मानसिक दबाव में थी स्नेहा

बिपाशा ने कहा कि स्नेहा को डराया या मानसिक रूप से मजबूर किया गया होगा।

“अगर मरना ही था तो घर में भी किया जा सकता था,” उन्होंने तर्क दिया।

“सिग्नेचर ब्रिज जाकर मरने की क्या जरूरत थी?”

उन्होंने कहा कि इस घटना में गहरी साजिश की आशंका है।

पुलिस पर उठे सवाल

बिपाशा ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि पहले 48 घंटे में FIR तक दर्ज नहीं की गई।

“अगर वक्त रहते खोजबीन होती तो शायद स्नेहा बच जाती,” उन्होंने कहा।

उन्होंने दिल्ली पुलिस से जल्द जांच पूरी करने और न्याय दिलाने की मांग की।

पुलिस कर रही है गहराई से जांच

पुलिस ने केस में सभी तकनीकी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है।

सुसाइड नोट और ईमेल दोनों की फोरेंसिक जांच हो रही है।

CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, मोबाइल डाटा भी खंगाला जा रहा है।

कैब ड्राइवर का बयान रिकॉर्ड कर लिया गया है।

डिजिटल सबूतों से मौत की असली वजह सामने आने की उम्मीद है।

सोशल मीडिया पर उठा न्याय का सवाल

जैसे ही खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी साफ दिखी।

#JusticeForSneha और #DUStudentSafety जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

छात्रों और अभिभावकों ने सख्त सुरक्षा नीति की मांग की।

संक्षेप में केस का पूरा विवरण:

विवरण जानकारी
नाम स्नेहा देबनाथ
उम्र 19 वर्ष
कॉलेज ARSD, दिल्ली विश्वविद्यालय
कोर्स BSc गणित, द्वितीय वर्ष
मूल निवासी त्रिपुरा
अंतिम लोकेशन सिग्नेचर ब्रिज, वजीराबाद
लापता तारीख 7 जुलाई 2025
शव मिला 13 जुलाई 2025, यमुना नदी
सुसाइड नोट मिला, फोरेंसिक जांच में
ईमेल भेजा सहेली को, “मैं जा रही हूं”
पुलिस कार्रवाई FIR दर्ज, जांच जारी

स्नेहा देबनाथ की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं लगती।

उसके परिवार की बातें और घटनाओं की टाइमलाइन कई सवाल खड़े करती है।

क्या ये आत्महत्या थी या किसी ने उसे मरने को मजबूर किया?

सच्चाई सामने आनी जरूरी है ताकि न्याय हो सके।

दिल्ली पुलिस को निष्पक्ष और तेज जांच करके सच्चाई सामने लानी चाहिए।

यह सिर्फ स्नेहा के लिए नहीं, बल्कि हर छात्र के लिए जरूरी है।

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