जालंधर में हाल ही में हुए एक हादसे में 114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह को फॉर्च्यूनर वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे के बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह ढिल्लों, वाहन चालक, को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गाड़ी भी बरामद कर ली है और आरोपी ने हादसे के समय गाड़ी में अकेला होने की बात स्वीकार की है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपी का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया।
घटना के मुख्य बिंदु:
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यह हादसा उस समय हुआ जब फौजा सिंह, जो 114 साल की उम्र में भी मैराथन दौड़ने के लिए प्रसिद्ध हैं, फॉर्च्यूनर वाहन से टकरा गए थे।
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पुलिस ने जांच के बाद अमृतपाल सिंह ढिल्लों, जो करतारपुर का निवासी है, को गिरफ्तार किया।
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जिस वाहन से यह हादसा हुआ, वह बलाचौर के हरप्रीत के नाम पर रजिस्टर था।
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पुलिस ने घटनास्थल के पास के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और वाहन और चालक तक पहुंचने में सफल रही।
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पूछताछ में ढिल्लों ने स्वीकार किया कि वह हादसे के समय अकेला गाड़ी चला रहा था और भोगपुर से किशनगढ़ की तरफ जा रहा था।
पुलिस जांच:
इस हादसे में शामिल फॉर्च्यूनर (PB20-C-7100) वाहन को बलाचौर के हरप्रीत के नाम पर रजिस्टर पाया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और वाहन की पहचान की। इस फुटेज ने घटना के सही विवरण को जानने में पुलिस की मदद की, जिससे आरोपी तक जल्दी पहुंचा जा सका। इस जांच से यह साबित हुआ कि सही समय पर कार्रवाई ने आरोपी को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई।
जनता की प्रतिक्रिया:
यह घटना विशेष रूप से खेल और फिटनेस समुदाय के बीच व्यापक प्रतिक्रिया का कारण बनी है। फौजा सिंह जैसे विश्वप्रसिद्ध मैराथन धावक के साथ ऐसा हादसा होने पर लोग हैरान रह गए। फौजा सिंह, जो खेलों में धैर्य और संकल्प का प्रतीक हैं, अब भी सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। इस घटना ने उनकी कड़ी मेहनत और बुजुर्गों की सुरक्षा के मुद्दे को भी सार्वजनिक रूप से उजागर किया है।
फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों की गिरफ्तारी से जनता को राहत मिली है। अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
फौजा सिंह से जुड़ी इस घटना को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई से हल कर लिया है, और अब फॉर्च्यूनर वाहन चालक अमृतपाल सिंह ढिल्लों पुलिस की हिरासत में है। जांच जारी है, और यह घटना सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से अपराधों को हल करने और न्याय सुनिश्चित करने में इस तकनीकी उपकरण की भूमिका को उजागर करती है।
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