दिल्ली में लगातार बारिश और Yamuna River का जलस्तर बढ़ने से हालात बिगड़ गए हैं। पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं।
Article Contents
मजनू का टीला, यमुना बाजार, नजफगढ़, जैतपुर और मयूर विहार जैसे इलाकों में पानी घुस गया है। हजारों परिवार बेघर होकर सड़कों और राहत कैंपों में शरण लेने को मजबूर हैं।
मजनू का टीला और यमुना बाजार डूबे
Majnu Ka Tila के बाजार और आसपास की कॉलोनियां बाढ़ के पानी में डूब गईं। लोग कमर तक पानी में चलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे।
यमुना बाजार में NDRF Rescue टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। अब तक 626 लोगों और 13 पशुओं को सुरक्षित निकाला गया है।
स्थानीय निवासी आबिद ने बताया, “पानी इतनी तेजी से आया कि कुछ भी बचा नहीं। हमारा सारा सामान बह गया।”
नजफगढ़ और जैतपुर में रातोंरात निकासी
नजफगढ़ में देर रात पुलिस और एनडीआरएफ ने सैकड़ों लोगों को घरों से निकाला। जैतपुर खादर में अचानक पानी घुसा और परिवारों को सामान छोड़कर भागना पड़ा।
ताहिरा, जो कबाड़ का काम करती हैं, ने कहा, “हमारे सात लोगों का परिवार है। रातोंरात घर छोड़ना पड़ा। पहले टेंट और पानी की व्यवस्था होती थी, लेकिन इस बार कुछ नहीं मिला।”
एनजीओ ने खाने-पीने का सामान बांटा, लेकिन करीब 100 परिवार अभी भी खुले आसमान के नीचे हैं।
बदरपुर और विश्वकर्मा कॉलोनी में बिगड़े हालात
बदरपुर की Vishwakarma Colony पूरी तरह जलमग्न है। लोग सड़क किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं।
डीडीएमए अधिकारियों ने दौरा किया और एनडीआरएफ टीमें राहत कार्य में जुटीं। मंगलवार शाम अचानक पानी का स्तर और बढ़ने से एनएच-24 पर भी पानी पहुंच गया, जिससे ट्रैफिक रुक गया।
उस्मानपुर और गरही मेंडु में संकट
पुराना उस्मानपुर और गरही मेंडु गांवों में पानी घरों और पशुशालाओं में घुस गया। ग्रामीणों ने बताया कि निकासी का आदेश मिला था, लेकिन पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि सामान पीछे छूट गया।
एक निवासी ने कहा, “हमारे गांव में करीब 2,500 लोग और पशु रहते हैं। सबको बचा लिया गया, लेकिन घर पानी में डूब गए।”
राहत शिविर लगाए गए हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी साफ नजर आ रही है।
रेल और सड़क यातायात प्रभावित
लोहे के पुल पर यमुना का जलस्तर बढ़ने से सुबह 6:30 बजे से रेल परिचालन रोक दिया गया। कई ट्रेनों को नई दिल्ली स्टेशन से डायवर्ट किया गया।
आईटीओ बैराज के पास पानी बढ़ने से सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
राहत कार्य और चुनौतियां
Relief Camps मयूर विहार और यमुना खादर में लगाए गए हैं। लेकिन प्रभावित लोग कह रहे हैं कि मदद समय पर नहीं मिल रही।
एनडीआरएफ अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी है। फिर भी बेघर होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
Delhi Government और NDRF के सामने सबसे बड़ी चुनौती है बेघर हुए परिवारों को तत्काल राहत देना।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है। लोगों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द टेंट, पानी और खाने की व्यवस्था करे।
Delhi Floods 2025 ने राजधानी की तस्वीर बदल दी है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और कई इलाके जलमग्न हैं।
यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे से ऊपर है। राहत कार्य जारी है लेकिन जरूरतें कहीं ज्यादा हैं। आने वाले दिन दिल्ली के लिए और कठिन साबित हो सकते हैं।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.