रिटर्न और बेनामी संपत्तियां जांच के घेरे में

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। विभाग के द्वारा संदिग्ध आईटी रिटर्न की जांच का संकेत मिलते ही बेनामी संपत्ति रखने वालों में हड़कंप मच गया है।
आधिकारिक सूत्रों कि माने तो नोटबंदी से पहले और बाद में जिन लोगों के रिटर्न में भारी अंतर मिला है, उनके दस्ताबेजो को खंगालने का निर्णय लिया गया है। विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। इनके अलावा विभाग ने कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है, जिनकी जांच की जा सकती है।
आयकर विभाग लोगों से रिकॉर्ड जमा करता है। इसके बाद अधिकारी इन दस्तावेजों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करते हैं कि जानकारी गलत तो नहीं है या फिर कर चोरी तो नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने इस साल 31 जनवरी को ऑपरेशन क्लीन मनी चलाया था। इसका मकसद पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर किए जाने के बाद बैंकों में जमा कराए गए कालेधन का पता लगाना था।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक विभाग ने नोटबंदी के बाद 23.22 लाख खातों में से 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की है। इनमें 3.68 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई। इन मामलों में संबंधित लोगों को नोटिस भेजा गया। इनमें से 11.8 लाख ने ऑनलाइन माध्यमों से जवाब दाखिल कर दिया है।

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