प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत के किसानों के हितों को लेकर एक सख्त और स्पष्ट बयान दिया। कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत किसानों के हितों से कभी भी समझौता नहीं करेगा। उनका यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत के किसान, पशुपालक और मछुआरे देश की प्राथमिकता हैं और इन वर्गों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिए बयान पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, “हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। और मुझे पता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसके लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। आज भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए तैयार है।” पीएम मोदी का यह बयान भारत के कृषि क्षेत्र और किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद आया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर जुर्माना भी लगाया गया था। बाद में, ट्रंप ने यह धमकी दी कि वह टैरिफ को और बढ़ाने वाले हैं। बुधवार को उन्होंने 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क का ऐलान कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बीच भारत ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके किसानों के हितों से कभी भी समझौता नहीं किया जाएगा।
भारत का तीव्र जवाब: अमेरिकी फैसले को अनुचित और अविवेकपूर्ण करार
भारत ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” करार दिया। नई दिल्ली की यह तीखी प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही देर बाद आई, जिसमें यह कहा गया कि भारत के रूस से तेल खरीदने के चलते नए शुल्क लगाए गए हैं। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह रूस से तेल आयात को जारी रखेगा और इसके लिए राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
भारत का ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दे पर रुख
भारत ने विदेश मंत्रालय द्वारा बयान जारी कर अपने ऊर्जा संबंधों की रक्षा की। मंत्रालय ने कहा कि भारत का रूस से तेल आयात बाजार आधारित है और देश के 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके साथ ही, भारत ने यह भी बताया कि वह किसी भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बावजूद अपने ऊर्जा सुरक्षा उपायों में कोई समझौता नहीं करेगा।
भारत के विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई देश भारत के राष्ट्रीय हितों पर हमला करता है, तो भारत इसके खिलाफ सभी जरूरी कदम उठाएगा। यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
ट्रंप की नीतियों और भारत का दृढ़ रुख
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं, खासकर कृषि क्षेत्र के लिए। कृषि उत्पादों पर बढ़े हुए शुल्क से भारतीय किसानों की स्थिति पर असर पड़ सकता है। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी ने यह साफ किया कि भारतीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए भारत किसी भी प्रकार के दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस संदर्भ में पीएम मोदी का यह बयान महत्वपूर्ण है कि भारत का कृषि और पशुपालन क्षेत्र उसके लिए प्राथमिकता है। वह इन क्षेत्रों के हितों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इनकी रक्षा के लिए किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
भारत के किसानों की स्थिति और सरकार की नीतियां
भारत में कृषि एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है, जहां लाखों लोग अपनी आजीविका से जुड़े हुए हैं। कृषि क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय दबाव, जैसे कि बढ़े हुए टैरिफ, किसानों के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकता है। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों की स्थिति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करना, कृषि ऋण प्रदान करना और किसानों के लिए बीमा योजनाओं का विस्तार करना।
भारत की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति और प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा ही भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए खड़ा होने का समर्थन किया है। चाहे वह अमेरिका से टैरिफ युद्ध हो या अन्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक दबाव, भारत का रुख हमेशा अपने नागरिकों, विशेषकर किसानों और छोटे उत्पादकों के पक्ष में रहा है। भारत का यह दृष्टिकोण साफ करता है कि वह किसी भी विदेशी दबाव के आगे झुकेगा नहीं और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।
कृषि क्षेत्र के लिए सरकार की योजनाएं और सुधार
भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत किसानों को बेहतर तकनीकी सहायता, उन्नत कृषि उपकरणों की उपलब्धता, और बाजार तक पहुंच को आसान बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार द्वारा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि भारतीय किसान वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों को बेच सकें।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि भारत कभी भी अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे विदेशों से कितनी भी चुनौतियां क्यों न आ जाएं। भारत का कृषि क्षेत्र और इसके हितों की रक्षा के लिए मोदी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वहीं, अमेरिका जैसे देशों के द्वारा लगाए गए टैरिफ और अन्य व्यापारिक प्रतिबंधों का सामना करते हुए भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए खड़ा रहेगा।
कृषि क्षेत्र में सुधारों के साथ-साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि देश अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करता रहेगा।
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