KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यह ऐतिहासिक अवसर न केवल दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों को और गहरा करने का प्रतीक बना, बल्कि राष्ट्रपति सुबियांतो की ‘इंडियन डीएनए’ पर की गई टिप्पणी ने समारोह को यादगार बना दिया। उनकी इस टिप्पणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया।
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शनिवार शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित राजकीय भोज के दौरान राष्ट्रपति सुबियांतो ने इस मज़ेदार लेकिन भावपूर्ण टिप्पणी के साथ भारत-इंडोनेशिया के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को उजागर किया।
‘मेरा डीएनए भारतीय है’: राष्ट्रपति सुबियांतो
भोज के दौरान राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा, “कुछ सप्ताह पहले मैंने अपना जेनेटिक टेस्ट कराया, जिसमें यह पाया गया कि मेरा डीएनए भारतीय है। जब भी मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, मैं नाचने लगता हूं।”
उनकी यह टिप्पणी सुनकर पूरे सभा में हंसी की गूंज सुनाई दी। प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति धनखड़, जो उनके साथ बैठे थे, भी खुलकर मुस्कुराए। सुबियांतो की यह टिप्पणी भारत-इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक सामंजस्य और गहरे संबंधों का एक मज़ेदार लेकिन गहरा संकेत थी।
भारत-इंडोनेशिया के सांस्कृतिक संबंधों पर जोर
राष्ट्रपति सुबियांतो ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सभ्यता के स्तर पर गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा, “हमारी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा संस्कृत से आया है। इंडोनेशिया के कई नाम संस्कृत मूल के हैं, और हमारे दैनिक जीवन में प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रभाव बहुत गहरा है। यह हमारे जेनेटिक्स का हिस्सा है।”
यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत और इंडोनेशिया के बीच का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध केवल ऐतिहासिक तथ्य नहीं हैं, बल्कि आज भी उनके समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा
राष्ट्रपति सुबियांतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, “मैं यहां कुछ दिनों के लिए आया हूं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी प्रतिबद्धताओं से बहुत कुछ सीखा। उनका गरीबी उन्मूलन और वंचित समुदायों की मदद के प्रति समर्पण वाकई प्रशंसा के योग्य है।”
सुबियांतो ने न केवल भारत की प्रगति की सराहना की, बल्कि मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को एक प्रेरणा बताया।
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में सुबियांतो
राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो, भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं। यह परंपरा 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो के साथ शुरू हुई थी। इसके बाद:
- 2011 में राष्ट्रपति सुसिलो बंबांग युधोयोनो
- 2018 में राष्ट्रपति जोको विडोडो
- और अब, 2025 में राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बने।
इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत और इंडोनेशिया के कूटनीतिक संबंध समय के साथ और मजबूत हुए हैं।
भारत-इंडोनेशिया: ऐतिहासिक साझेदारी
भारत और इंडोनेशिया के संबंध प्राचीन काल के व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित हैं। प्राचीन काल में, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म ने भारत से इंडोनेशिया तक अपनी जड़ें फैलाईं, जो आज भी उनके मंदिरों, कलाओं और परंपराओं में झलकता है।
इस ऐतिहासिक साझेदारी को राष्ट्रपति सुबियांतो की यात्रा ने और मजबूती दी है। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं:
- व्यापार और वाणिज्य: इंडोनेशिया, भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच $20 बिलियन से अधिक का वार्षिक व्यापार होता है।
- रक्षा और सुरक्षा: इंडोनेशिया और भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी प्रयासों में सहयोग कर रहे हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: दोनों देश पर्यटन, शिक्षा और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से लोगों को करीब ला रहे हैं।
भोज में गर्मजोशी और मित्रता
राष्ट्रपति सुबियांतो के सम्मान में आयोजित भोज भारतीय मेहमाननवाजी का एक उत्कृष्ट उदाहरण था। उन्होंने भारत की यात्रा को गर्व का अनुभव बताते हुए कहा, “मैं पेशेवर राजनेता नहीं हूं, न ही कुशल कूटनीतिज्ञ हूं, लेकिन मैं दिल से बोलता हूं। यहां आकर मुझे बहुत गर्व और खुशी हो रही है। मैं भारत के लोगों के लिए शांति, समृद्धि और महानता की कामना करता हूं।”
क्षेत्रीय स्थिरता और साझेदारी का प्रतीक
राष्ट्रपति सुबियांतो की यह यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है। भारत और इंडोनेशिया, दोनों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है।
इस दौरान, राष्ट्रपति सुबियांतो ने न केवल भारत की प्राचीन सभ्यता की प्रशंसा की, बल्कि आधुनिक भारत की उपलब्धियों को भी सराहा। यह यात्रा कूटनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो का गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आना भारत-इंडोनेशिया के रिश्तों में एक और मजबूत कड़ी जोड़ता है। उनकी ‘इंडियन डीएनए’ वाली टिप्पणी और भारत की सांस्कृतिक धरोहर की सराहना ने इस दौरे को और खास बना दिया।
भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों में सुधार की संभावना इस दौरे के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। दोनों देशों के बीच यह ऐतिहासिक साझेदारी आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी।
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