भारत का 76वां गणतंत्र दिवस: संविधान के 75 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा का उत्सव

India Celebrates 76th Republic Day: Honoring 75 Years of the Constitution and National Pride

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत ने 26 जनवरी 2025 को 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी समृद्ध परंपराओं, संविधान की उपलब्धियों और राष्ट्रीय एकता का भव्य उत्सव मनाया। इस वर्ष का गणतंत्र दिवस इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह भारत के संविधान के लागू होने के 75 साल पूरे होने का प्रतीक है।

नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सलामी ली। इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह आयोजन भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे कूटनीतिक संबंधों को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण क्षण था।

कर्तव्य पथ पर भव्य परेड

इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व परमवीर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली क्षेत्र, ने किया। उनके साथ परेड के दूसरे-इन-कमांड और मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल सुमित मेहता ने भी परेड का संचालन किया।

परेड में भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं, जैसे परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं ने भाग लिया। उनकी बहादुरी और समर्पण के लिए दर्शकों ने जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत किया।

इस वर्ष की परेड में एक विशेष आकर्षण था इंडोनेशियाई सैन्य अकादमी के बैंड का प्रदर्शन। उन्होंने कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए दोनों देशों के सांस्कृतिक और रक्षा सहयोग का संदेश दिया। उनका प्रदर्शन न केवल भारत-इंडोनेशिया संबंधों की गहराई को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित करता है।

संविधान के 75 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धि

26 जनवरी 2025 का दिन भारत के लिए खास तौर पर ऐतिहासिक है क्योंकि इस दिन देश के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे हो गए। भारतीय संविधान, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय गणराज्य की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे “एक युवा गणराज्य की सर्वांगीण प्रगति की अवधि” के रूप में वर्णित किया। उन्होंने इस यात्रा में प्रत्येक नागरिक के योगदान को सराहा और इसे भारतीय लोकतंत्र की सफलता का प्रतीक बताया।

मुख्य अतिथि: इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनकी उपस्थिति भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करती है।

राष्ट्रपति सुबियांतो की उपस्थिति ने दोनों देशों के बढ़ते सहयोग को दर्शाया, विशेष रूप से व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में। उनका यह दौरा भारत और इंडोनेशिया के बीच साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत है।

भारत की विविधता और सामरिक ताकत का प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस परेड भारत की एकता में विविधता का प्रतीक है। परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने देश की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया।

झांकियों के साथ, भारत की रक्षा शक्ति का प्रदर्शन भी किया गया। इस साल की परेड में भारत द्वारा विकसित उन्नत सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों द्वारा की गई हवाई करतबबाजी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राष्ट्रीय एकता और प्रगति का संदेश

76वें गणतंत्र दिवस का उत्सव भारत की लोकतांत्रिक यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की दिशा का प्रतीक है। राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में नागरिकों से संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने और देश के विकास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।

उनका संदेश भारत की शक्ति और उसकी विविधता का जश्न मनाने के साथ-साथ एक समावेशी और एकीकृत समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरित करता है।

गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य आकर्षण

  1. मुख्य अतिथि: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो, जिन्होंने भारत-इंडोनेशिया के संबंधों को मजबूत किया।
  2. परेड नेतृत्व: लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और मेजर जनरल सुमित मेहता ने भव्य परेड का संचालन किया।
  3. वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मानपरमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया।
  4. इंडोनेशियाई बैंड की भागीदारी: इंडोनेशियाई सैन्य अकादमी के बैंड ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग का संदेश दिया।
  5. वायु सेना का प्रदर्शन: भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
  6. राज्य झांकियां: विभिन्न राज्यों की झांकियों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और प्रगति को दर्शाया।
  7. संविधान के 75 वर्ष: भारतीय संविधान की ऐतिहासिक उपलब्धियों को इस वर्ष के मुख्य विषय के रूप में मनाया गया।

76वां गणतंत्र दिवस न केवल भारत की लोकतांत्रिक उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह एक प्रगतिशील और एकीकृत भविष्य के निर्माण की दिशा में नागरिकों को प्रेरित करने का अवसर भी है।

संविधान के 75 वर्षों की यात्रा ने भारत को एक सशक्त लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो की उपस्थिति ने इस वर्ष के समारोह को और खास बना दिया, साथ ही भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को भी उजागर किया।

गणतंत्र दिवस 2025 का यह आयोजन भारत की प्रगति, विविधता, और लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतीक है। यह नागरिकों को यह याद दिलाने का अवसर है कि उनका योगदान ही देश को एक समृद्ध और उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा।

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