नई दिल्ली। एक ओर 21वीं सदी की चकाचौध और दुसरी ओर हमारी परंपरा। कहतें हैं कि आज हम वैश्विीकरण की दौर में है। दुसरी ओर एक ऐसा समाज, जहां पहुंचतें ही बाहरी लोगो की हत्या कर दी जाती है। जी हां… भारत में आज भी मौजूद है नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड। यहां के मूल निवासी बाहरी लोगो को देखते ही उसे मार देतें हैं।
भारत सरकार ने सन 1967 से 1991 के बीच यहां के लोगों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास के तहत कई प्रयास भी किये। नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के मूल निवासियों से संपर्क साधने के प्रयास भी हुए। किंतु, टापू के मूल निवासियों बाहर के समाज से जुड़ने से इनकार कर दिया। इतना ही नही बल्कि, सरकारी प्रयास के दौरान भी स्थानीय लोगों ने आक्रामकता दिखाई। बाद में केन्द्र की सरकार ने 1991 के बाद से नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के निवासियो से संपर्क करने के प्रयास नही कियें हैं। बहरहाल, भारत सरकार ने इस इलाके को exclusion zone घोषित करके यहा किसी बाहरी शख्स के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बतातें चलें कि वर्तमान में इस जनजाति की जनसंख्या कितनी है यह अभी तक एक अनसुलझा सवाल ही है। अनुमान के अनुसार इस जनजाति से संबंधित लोगों की संख्या 100 से 200 तक हो सकती है। इस जनजाति से जुड़े लोगों के जीवन से संबंधित कोई भी ऐसी चीज नहीं मिल पाई है, जिससे इनके विषय में विस्तार से पता चल सके। प्राचीन जनजातियों के विषय में शोध करने वालो को भी इनके बारे में कुछ भी ठीक से नही मालुम है। क्योंकि, ये इतने खूंखार हैं कि अपने करीब किसी को आने ही नहीं देते।
This post was published on अप्रैल 3, 2017 13:20
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