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8वीं वेतन आयोग: प्रस्तावित टर्म्स ऑफ रेफरेन्स में वेतन संरचना, भत्तों और सेवानिवृत्ति लाभों पर जोर

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KKN Gurugram Desk

KKN गुरुग्राम डेस्क | केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वीं वेतन आयोग के प्रस्तावित बदलावों का इंतजार किया जा रहा है। वेतन संरचना, भत्तों और सेवानिवृत्ति लाभों के अलावा, कई अन्य सुधारों का प्रस्ताव किया गया है। इस आयोग के गठन की घोषणा पहले ही की जा चुकी है, और केंद्रीय सरकार ने इसकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी तक आयोग के अध्यक्ष और दो अन्य सदस्यों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इनकी घोषणा की जाएगी।

8वीं वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेन्स (ToR) में प्रमुख प्रस्ताव

8वीं वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित टर्म्स ऑफ रेफरेन्स (ToR) केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की दिशा तय करेंगे। इन प्रस्तावों में वेतन संरचना, भत्ते, पेंशन और अन्य कर्मचारियों की भलाई के उपाय शामिल हैं। नीचे हम प्रस्तावित ToR के कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे:

  1. वेतन और भत्तों की पुनर्रचना

    ToR में केंद्रीय सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना की समीक्षा और पुनर्रचना करने का प्रस्ताव है। इसमें सभी श्रेणियों के कर्मचारियों, जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवाएं, रक्षा बल, अर्ध-सैन्य बल, पोस्टल कर्मचारी (ग्रामीण डाक सेवक), और संघ राज्य क्षेत्रों के कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया है कि गैर-व्यावसायिक वेतनमानों को एकीकृत किया जाए ताकि कर्मचारियों के करियर की प्रगति में सुधार हो सके।

    NC-JCM (स्टाफ साइड) ने Modified Assured Career Progression (MACP) योजना में विसंगतियों को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया है। इसके तहत, कर्मचारियों को उनकी सेवा में कम से कम पांच पदोन्नतियां मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर करियर प्रगति के अवसर मिल सकें।

  2. न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय वेतन नीति

    ToR में न्यूनतम वेतन के निर्धारण के लिए एक प्रस्ताव है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को एक सम्मानजनक और पर्याप्त न्यूनतम वेतन मिले। इस वेतन की गणना Aykroyd फॉर्मूला और 15वीं भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर की जाएगी। इस प्रक्रिया में जीवन यापन के खर्च और परिवार के उपभोग पैटर्न में बदलाव को भी ध्यान में रखा जाएगा।

  3. महंगाई भत्ता (DA) और अंतरिम राहत

    एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव है महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन और पेंशन में मिलाने का। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके अतिरिक्त, ToR में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने तक केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को अंतरिम राहत प्रदान की जाए।

  4. पेंशन सुधार और सेवानिवृत्ति लाभ

    NC-JCM (स्टाफ साइड) ने प्रस्तावित ToR में पेंशन, ग्रेच्युटी और परिवार पेंशन लाभों की समीक्षा करने की सिफारिश की है। इसमें यह भी शामिल है कि उन कर्मचारियों के लिए, जो 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए थे, केंद्रीय कर्मचारी पेंशन नियम 1972 के तहत परिभाषित पेंशन योजना को फिर से बहाल किया जाए।

    इसके अलावा, ToR में यह प्रस्ताव भी किया गया है कि पेंशन के विभाजित हिस्से को 12 वर्षों के बाद पुनः बहाल किया जाए, जबकि वर्तमान में यह 15 वर्षों के बाद होता है। इसके साथ ही, पेंशन को हर 5 साल में बढ़ाने की सिफारिश की गई है, जैसा कि संसद की स्थायी समिति ने प्रस्तावित किया था।

  5. चिकित्सा और कल्याण लाभ

    एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव है केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (CGHS) की सुविधाओं में सुधार करना। इसका उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस और बिना किसी परेशानी के चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करना है, जिसमें पोस्टल पेंशनभोगी भी शामिल होंगे।

    इसके अतिरिक्त, ToR में बच्चों की शिक्षा भत्ते और हॉस्टल सब्सिडी में वृद्धि करने की सिफारिश की गई है, जो अब पोस्ट-ग्रेजुएशन स्तर तक बढ़ाई जाएगी। यह कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित होगा, खासकर जब शिक्षा की लागत लगातार बढ़ रही है।

8वीं वेतन आयोग की संरचना

8वीं वेतन आयोग का ढांचा अपेक्षाकृत छोटा होगा। इसमें तीन सदस्य होंगे, जिनमें से एक अध्यक्ष होगा, जो वित्त विशेषज्ञ हो सकता है। बाकी दो सदस्य प्रशासनिक और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ हो सकते हैं। यह संरचना पिछले 6वीं और 7वीं वेतन आयोग से थोड़ी अलग है, क्योंकि उनमें चार सदस्य होते थे, जिनमें एक सरकारी प्रतिनिधि भी होता था।

हालांकि आयोग के सदस्यों की नियुक्ति अभी तक पूरी नहीं हुई है, लेकिन मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ पहले ही परामर्श शुरू हो चुके हैं। प्रमुख मंत्रालयों में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) शामिल हैं।

8वीं वेतन आयोग की कार्यवाही और समयरेखा

आयोग के गठन के बाद, वह अपनी सिफारिशों पर काम शुरू करेगा। सरकार को उम्मीद है कि आयोग के गठन और उसके कार्य शुरू होने के बाद, 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें 2025 के अंत तक सामने आएंगी। इस बीच, केंद्रीय सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी आयोग की नियुक्ति और सिफारिशों के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

वर्तमान वेतन संरचना

वर्तमान में, केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना में कुछ बदलाव किए गए हैं, लेकिन कई कर्मचारियों का मानना है कि वेतन में और सुधार की आवश्यकता है। महंगाई और जीवन यापन की लागत बढ़ने के कारण कर्मचारियों को बेहतर वेतन, भत्ते और पेंशन की आवश्यकता महसूस हो रही है।

प्रस्तावित ToR में इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना, पेंशन और भत्तों में सुधार के प्रस्ताव किए गए हैं, जो केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और बेहतर करियर प्रगति के अवसर देंगे।

पेंशन सुधार की बढ़ती जरूरत

पेंशन सुधारों को ToR में विशेष प्राथमिकता दी गई है। पेंशनभोगियों की बढ़ती संख्या के साथ, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उन्हें पर्याप्त वित्तीय सहायता मिले। पेंशन के विभाजित हिस्से को 12 साल के बजाय 15 साल में बहाल करना और पेंशन में हर 5 साल में वृद्धि करना पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।

चिकित्सा और कल्याण लाभ

चिकित्सा और कल्याण लाभों में सुधार का प्रस्ताव भी महत्वपूर्ण है। CGHS की सेवाओं में सुधार और बच्चों की शिक्षा भत्ते में वृद्धि से कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर जीवनशैली का मौका मिलेगा। यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बहुत ही सकारात्मक बदलाव होगा।

8वीं वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार लेकर आ सकता है। वेतन संरचना, भत्ते, पेंशन और चिकित्सा लाभों में सुधार से कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा और करियर प्रगति में मदद मिलेगी। सरकार की यह पहल यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी वित्तीय और सामाजिक दृष्टिकोण से बेहतर स्थिति में रहें।

हालांकि 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू होने में कुछ समय लगेगा, प्रस्तावित सुधारों से कर्मचारियों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार आने की संभावना है। सरकार ने पहले ही आयोग के गठन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, और इसके लिए परामर्श जारी है।

This post was published on फ़रवरी 28, 2025 16:47

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