आधा दर्जन अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर प्रखंड का प्रशासन अपनी मनमर्जी के लिए सूबे में कुख्यात हो चुका है। शनिवार को इसका खुलाशा तब हुआ, जब मुजफ्फरपुर के डीएम मो. सोहैल मीनापुर प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में चल रही योजनाओं की समीक्षा करने यहां पहुंचे। इस दौरान यहां के प्रशासनिक हलके की कई लापरवाही व अनियमितता एक-एक करके डीएम के सामने आने लगा। इससे भड़के डीएम ने आधा दर्जन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और अवैध वसूली के आरोपित दो आवास सहायक पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश भी दिया।
मुख्यालय में नदारत मिले अधिकारी
इससे पहले मीनापुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे डीएम ने आरटीपीएस, प्रधानमंत्री आवास योजना, शिक्षा, मनरेगा, स्वास्थ्य व सात निश्चय योजना की समीक्षा की है। मीनापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 581 लाभार्थी का नाम प्रतीक्षा सूचि में दर्ज है। इसमें से 349 परिवार का अबतक जॉबकार्ड नहीं बना है। इसको गंभीरता से लेते हुए डीएम ने कार्यक्रम पदाधिकारी रवि कुमार से स्पटीकरण मांगा और 24 घंटे के भीतर सभी को जॉबकार्ड देने का आदेश दिया। इससे पहले कार्यालय में अनुपस्थित रहने वाले सीडीपीओ पुष्पा कुमारी, कृषि पदाधिकारी राजदेव राम व अंचल नाजिर चौथी बैठा से डीएम ने स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया है।
बंद मिला स्वास्थ्य उपकेन्द्र
स्थल निरीक्षण के दौरान गोरीगामा पहुंचने पर वहां के स्वास्थ्य उपकेन्द्र को बंद देख कर डीएम भड़क गये। इसके बाद डीएम गोरीगामा हाईस्कूल पहुंचे तो वहां एक भी छात्र विद्यालय में मौजूद नहीं था। इसके अतिरिक्त डीएम ने स्वयं देखा कि विद्यालय की उपस्थिति पंजी पर पिछले तीन दिनों से किसी की भी हाजरी नहीं बनी थी। इसपर डीएम हेडमास्टर तरुण कुमार को फटकार लगाई और शिक्षक रंजीत कुमार व प्रेमरंजन सिंह से स्पष्टिकरण पूछा गया।
घूस लेने का भी हुआ खुलाशा
गोरीगामा के वार्ड दस में पहुंच कर डीएम ने नलजल योजना की समीक्षा की। अधूरे काम को देख डीएम ने वार्ड सदस्य को सही से काम करने की नसीहत दी। हद तो तब हो गई, जब डीएम टेंगराहां के वार्ड छह में प्रधानमंत्री आवास योजना देखने पहुंचे। लाभार्थी रामपुकारी देवी ने डीएम को बताया कि आवास सहायक सुरेश प्रसाद ने उससे 10 हजार रुपये रिश्वत ली है। यह सुनते ही डीएम गुस्से से तमतमा उठे और आवास सहायक पर एफआईआर का आदेश दे दिया है। इसके बाद डीएम कोइली पंचायत के चैनपुर पहुंच कर आवास येाजना की समीक्षा की। ताज्जुब की बात है कि यहा भी लाभार्थी शहनाज खातून ने आवास सहायक पर रिश्वत लेने की बात कही। इसके बाद वहां खड़े तमाम अधिकारी बगले झांकने लगें। हालांकि, डीएम ने यहां भी एफआईआर करने का आदेश देकर वापिस लौटना ही मुनासिब समझा।
कैंसर पीड़ितो ने डीएम से लगाई गुहार
इससे पहले डीएम के गोरीगाम पहुंचने पर गांव के रमानन्द सिंह और सत्येन्द्र सिंह ने कैंसर पीड़ितों के दर्द से डीएम को अवगत कराया। डीएम को ग्रामीणों ने बताया कि जांच के दौरान गांव के पानी में आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है। इसके बाद डीएम ने गांव में आर्सेनिक टिटमेंट प्लांट लगाने के लिए पीएचईडी के एसडीओ रुपेश कुमार से प्रस्ताव देने का आदेश दिया।