कोरोना का संक्रमण प्रतिदिन बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी संक्रमितों की संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है, सभी लोगों को घर मे रहने को कहा जा रहा है। परंतु, कुछ ऐसे भी लोग है जो दिन-रात इसी प्रयास में लगे हुये है की जितनी जल्दी हो हम इस संकट से पार पा लें। इस विकत परिस्थिति में एक अहम भूमिका हमारे देश के डॉक्टरों की है, जो कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसलिए सबसे पहले उनकी सुरक्षा जरूरी है, जो हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। परंतु, क्या ऐसा हो रहा है?
क्या डॉक्टर सुरक्षित हैं?
बात करते है बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज की, जहां के डॉक्टरों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में डॉक्टर्स PPE (Personal Protective Equipments), लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल N95 मास्क की जगह बेडशीट से बने मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां के डॉक्टरों ने दावा किया है की उन्हें कोरोना वायरस के मरीजों को देखने के लिए Personal Protective Equipments नहीं मिले हैं। बल्कि उनसे बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल करने को कहा गया है।
West Bengal: Doctors at North Bengal Medical College, Siliguri claim that they've been provided raincoats, sunglasses & masks made of bedsheets instead of PPEs (Personal Protective Equipments), laboratory glasses & surgical/N95 masks to look after positive cases of #Coronavirus. pic.twitter.com/QfCGKvYUie
— ANI (@ANI) March 31, 2020
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स MSVP (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) से मिले, तब उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि PPE की कोई आपूर्ति नहीं है और इसके लिए एक अनुरोध भेजा गया है। ऐसे में जब डॉक्टरों ने उन पर दबाव बनाया, तो उन्होंने डॉक्टरों को ड्यूटी पर न आने को कह दिया।